अरुण कुमार
अरुण कुमार
वाशिंगटन, 24 फरवरी (आईएएनएस)। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने प्रशासन में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के अमेरिकियों को शामिल किया है। ओबामा 30 लाख मजबूत भारतीय अमेरिकी समुदाय के मध्य गहरी पैठ बनाने के लिए यह कदम उठाया है ताकि विस्तृत हो रहे इस समुदाय के टैलेंट पूल का इस्तेमाल विदेशों में आतंकवादी दुष्प्रचार से लेकर घरेलू स्तर पर स्वास्थ्य में कर सकें।
पिछले सप्ताह आतंकवाद पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद ओबामा ने भारतीय मुस्लिम विरासत के राशिद हुसैन को अमेरिका का विशेष दूत और आतंकवाद संचार के रणनीतिक मुकाबले का समन्वयक नामित किया। हुसैन ने 2010 से 57 सदयीय इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) में अमेरिका के विशेष दूत के तौर पर काम किया है। हुसैन ने इस रूप में दुनियाभर के मुस्लिम समुदायों के बीच साझीदारी बनाने के लिए जुटे थे।
पिछले सप्ताह भी व्हाइट हाउस ने धनुर्जय ‘डीजे’ पति को अपना पहला चीफ डाटा वैज्ञानिक नामित किया जहां वे नीतियों को आकार और व्यवहारकुशल बनाने में मदद करेंगे ताकि अमेरिका प्रौद्योगिकी एवं नवीनता में नेता बना रहे।
भारत से आव्रजित होकर आए माता-पिता के बेटे राजीव शाह अंतर्राष्ट्रीय विकास के लिए अमेरिकी एजेंसी (यूएसएआईडी) से शुक्रवार को विदा हो गए। वह पांच वर्षो तक लोकतांत्रिक समुदाय में भयंकर गरीबी मिटाने और लचीलापन को प्रोत्साहित करने के अभियान में एजेंसी के शीर्ष पर रहे।
भारतवंशी अमेरिकियों की संख्या 30 लाख है और यह अमेरिकी जनसंख्या का करीब एक प्रतिशत है। इस समुदाय का आकार चीनी अमेरिकियों और फिलिपिनों अमेरिकियों के बाद तीसरे नंबर पर आता है। लेकिन भारतवंशी अमेरिकी अमेरिका के सबसे बेहतर शिक्षित और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तक सभी अकादमिक क्षेत्र में प्रमुखता में गिने जाते हैं।
यह समुदाय विभिन्न प्रकार के कारोबार का संचालन भी करता है और करीब 80,000 सुविधा स्टोर के मालिक हैं और 20,000 से ज्यादा मोटलों या पोटलों का प्रबंध भी करते हैं। वे जानकारी में आए। इन में अधिकांश का संचालन गुजरात से आए पटेल समुदाय के द्वारा होता है।
एक लाख से ज्यादा भारतीय मूल के चिकित्सक देश के स्वास्थ्य का ध्यान रखता है। कई लोग हारवर्ड बिजनेस स्कूल सहित अमेरिका के शीर्ष शिक्षा संस्थानों के प्रमुख हैं। अब वे सरकार में और नीतियों में भी पैर जमाने में कामयाब हो रहे हैंे।
इसके अलावा न्याय व्यवस्था और अभियोजन में भी भारतीयों को लिया गया है जिन्होंने अपने काम का लोहा मनवाया है।