नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने द्वितीय भारत-अमेरिका सामरिक एवं वाणिज्यिक वार्ता के दौरान यहां कहा कि भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की स्थायी सदस्यता पाने के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम करने पर विचार कर रहा है।
सुषमा स्वराज ने कहा, “परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता पाने के लिए हम अमेरिका के साथ मिलकर काम करते रहने की आशा रखते हैं।”
इससे पहले इस साल एनएसजी की सदस्यता पाने में भारत के प्रयास को चीन सहित कुछ देशों के एक समूह ने विफल कर दिया था।
सुषमा ने जोर दिया कि अमेरिका के साथ भारत रक्षा सहयोग को सह-उत्पादन तथा सह-विकास के अगले स्तर तक ले जाना चाहता है।
उन्होंने कहा, “यह भारत तथा अमेरिका के बीच उद्योग सहयोग को प्रोत्साहित करेगा और क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करने में इच्छित भूमिका निभाने में भारत की मदद करेगा।”
सुषमा ने कहा, “आतंकवाद से निपटने में हमारे सहयोग को मजबूत करने के लिए हमने कुछ कदम उठाए हैं, जैसा पिछली बैठक के दौरान संयुक्त घोषणा पत्र में उल्लिखित है। यह हमारे विचार-विमर्श का महत्वपूर्ण तत्व होगा।”
अपने उद्घाटन भाषण में अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा कि भारत और अमेरिका ने रक्षा, साइबर आतंकवाद से निपटने तथा आतंकवाद से निपटने की दिशा में सहयोग को गहरा किया है।
केरी ने कहा, “हम आशा करते हैं कि हमारा असैन्य परमाणु सहयोग नए रिएक्टर के रूप में आकार ले, जो भारतीय परिवारों तक सस्ती बिजली पहुंचाएगा।”
उन्होंने कहा, “हम नई प्रौद्योगिकी लाने को लेकर काम कर रहे हैं, ताकि भारत महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम हो।”
केरी ने कहा, “मैं बेहद आश्वस्त हूं कि हम सहयोग को मजबूत करने का काम जारी रखेंगे, जिसे ओबामा ने 21वीं सदी को परिभाषित करने वाली साझेदारी कहा है।”
भारत तथा अमेरिका ने मंगलवार सुबह रणनीतिक व वाणिज्यिक वार्ता के आर्थिक पक्ष की शुरुआत की। वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने अमेरिकी उद्योगों से ‘मेक इन इंडिया’ पहल में शामिल होने का आग्रह किया।
सीतारमण ने पहले सह-अध्यक्ष तथा अमेरिकी वाणिज्य मंत्री पेनी प्रित्जकर से मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने भारत-अमेरिका सीईओ फोरम की अध्यक्षता की। टाटा संस के अध्यक्ष सायरस मिस्त्री तथा हनीवेल के अध्यक्ष डेव कोटे ने सह-अध्यक्षता की।
इस वार्ता को दोनों देशों के लिए सर्वाधिक व्यापक तंत्र बताते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि सह-अध्यक्षों का दोनों पक्षों के उच्चस्तरीय, अंतर-एजेंसी प्रतिनिधिमंडल के साथ विचार-विमर्श होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2015 में भारत, अमेरिका संबंधों को रणनीतिक एवं वाणिज्यिक वार्ता के जरिए बढ़ाने का फैसला किया था।