वाशिंगटन, 21 फरवरी (आईएएनएस)। भारत में धार्मिक असहिष्णुता को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के बयान की आलोचना के बीच व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका पूरी दुनिया में विविधता के मुद्दे पर भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
वाशिंगटन, 21 फरवरी (आईएएनएस)। भारत में धार्मिक असहिष्णुता को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के बयान की आलोचना के बीच व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका पूरी दुनिया में विविधता के मुद्दे पर भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
व्हाइट हाउस का यह बयान ‘वी द पीपुल पिटिशन ऑन रिलिजियस फ्रीडम इन इंडिया’ की ओर से ओबामा से किए गए एक आग्रह के बाद आया है, जिसमें उनसे अपील की गई है कि वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछें कि भारतीय संविधान में सिखों को हिन्दू क्यों माना गया है? ओबामा से यह सवाल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में भारत दौरे के दौरान करने का अनुरोध किया गया था।
इसमें ओबामा से ‘सिख जनसंहार’ और ‘सिखों के स्व-निर्धारण के अधिकार’ का मुद्दा उठाने का भी अनुरोध किया गया था।
अमेरिका में सिखों के अधिकार के लिए काम करने वाली संस्था सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) द्वारा इस संबंध में एक दिसंबर, 2014 को ऑनलाइन अभियान शुरू किया गया था, जिस पर 1,25,050 लोगों ने हस्ताक्षर किए थे। व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया के लिए किसी भी याचिका को 30 दिनों के अंदर 1,00,000 समर्थकों के हस्ताक्षर की आवश्यकता पड़ती है।
व्हाइट हाउस ने कहा, “राष्ट्रपति ओबामा ने अपने हालिया भारत यात्रा के दौरान 27 जनवरी को नई दिल्ली स्थित सिरीफोर्ट में अपने भाषण के दौरान धार्मिक स्वतंत्रता और सहिष्णुता के बारे में चर्चा की।”
व्हाइट के अनुसार, ओबामा ने अपने भाषण में कहा था, “भारत की कामयाबी इस बात पर निर्भर करती है कि देश धार्मिक आस्था के आधार पर न बंटे।”
ओबामा ने नई दिल्ली में 27 जनवरी के अपने भाषण में कहा था, “हमारे दोनों ही देश भारत और अमेरिका की ताकत हमारी विविधता है। हम विविधता के सिद्धांत पर भारत के साथ मिलकर न केवल हमारे अपने देशों में बल्कि दुनिया भर में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”