भोपाल, 4 नवंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश की राजधानी की केंद्रीय जेल से प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़े आठ विचाराधीन कैदियों के फरार होने और मुठभेड़ में मारे जाने के बाद वायरल हुए ऑडियो और वीडियो ने इस मामले को और उलझा दिया है। मुठभेड़ को लेकर राजनीतिक दलों ने सरकार को घेरा तो राज्य सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए।
दिवाली की रात सिमी के आठ विचाराधीन कैदी एक प्रहरी रमाशंकर यादव की गला रेतकर हत्या करने के बाद फरार हो गए थे। आठ घंटे बाद ही आठों को शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर पुलिस के संयुक्त दल ने मुठभेड़ में मार गिराया था। इस मुठभेड़ के बाद उसी दिन दो वीडियो वायरल हुए थे, जिसमें से एक में फरार कैदी एक पहाड़ पर खड़े दिखे थे, दूसरे वीडियो में एक जवान मुठभेड़ में मारे गए आरोपी को गोली मारते हुए देखा जा रहा है।
अब नया वीडियो शुक्रवार को वायरल हुआ, जिसमें पांच युवक चाहरदीवारी के भीतर जेल में मेल-मुलाकात करते दिख रहे हैं, जिन्हें सिमी कार्यकर्ता बताया जा रहा है। पुलिस महानिदेशक (जेल) हालांकि इससे अनजान हैं।
वायरल हुए वीडियो में चाहरदीवारी के भीतर खुले स्थान पर पांच लोग मेल-मुलाकात करते दिख रहे हैं। इसमें कोई कुर्ता-पैजामा पहने है तो कोई पेंट-शर्ट। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो जेल के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज है। मुलाकात कर रहे युवकों को सिमी के कार्यकर्ता बताया गया है।
पांच में से एक युवक के हाथ में पॉलीथिन जैसी कोई चीज भी नजर आ रही है। यह वीडियो दो माह पुराना बताया जा रहा है।
वायरल हुए वीडियो के बारे में पुलिस महानिदेशक (जेल) संजय चौधरी ने आईएएनएस से कहा, “वह वीडियो मैंने नहीं देखा है, यह तो उसी चैनल से पूछिए जो इस वीडियो को दिखा रहा है। वही यह भी बताएंगे कि यह वीडियो कहां का है।”
भोपाल का केंद्रीय जेल आईएसओ प्रमाणित है। यहां लगभग 45 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। जिस रात सिमी के विचाराधीन कैदी भागे थे, उस रात कुछ कैमरों के खराब होने की बात कही जा रही है।
वहीं पुलिस मुठभेड़ का एक कथित ऑडियो भी सामने आया है, जिसमें कंट्रोल रूम और पुलिस अधिकारियों के बीच बातचीत होना बताया गया है। इसमें आरोपियों को घेरने से लेकर मारे जाने तक की वायरलेस सेट पर लाइव रनिंग कमेंट्री चल रही है।
अब कथित तौर पर पुलिस कंट्रोल रूम को एक अधिकारी द्वारा वायरलेस सेट पर मुठभेड़ की पल-पल की जानकारी देने वाला ऑडियो शुक्रवार को सामने आया।
इस ऑडियो में पुलिस अफसर कंट्रोल रूम को बता रहा है, “आठों आरोपियों को घेर लिया गया है, फायरिंग चालू हो गई है, पांच मार दिए गए हैं, अब आठों मार दिए गए हैं। माइक वन को यह खबर दे दी जाए।”
इसी ऑडियो में दूसरी तरफ से कथित तौर पर निर्देश दिए जा रहे हैं कि ‘सबका कर दो काम तमाम, कोई बचना नहीं चाहिए।’
इतना ही नहीं, आरोपियों के मारे जाने की खबर दिए जाने पर एक अधिकारी उन्हें (वायरलेस पर सूचना देने वाले को) शबाशी देता है और कहता है कि ‘हम लोग वहां पहुंच रहे हैं।’
इस ऑडियो के वायरल होने के बाद राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह और भोपाल क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक योगेश चौधरी से संपर्क किया गया, मगर कोई भी उपलब्ध नहीं हुआ।
इससे पहले, मुठभेड़ को लेकर वायरल हुए वीडियो पर चौधरी का कहना था, “यह सब जांच का विषय है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसकी जानकारी मीडिया को दी जाएगी।”
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जेल से कैदियों के फरार होने और मुठभेड़ की न्यायिक जांच का ऐलान किया, न्यायिक जांच मप्र उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस़ क़े पांडे करेंगे।
न्यायमूर्ति पांडे सिमी के विचाराधीन कैदियों के जेल से भागने और उसके बाद हुई मुठभेड़ से जुड़े सभी बिंदुओं की जांच करेंगे।