इंफाल, 25 मार्च (आईएएनएस)। मणिपुर के सरकारी कर्मचारियों ने रविवार को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए एक समय सीमा की मांग की। सरकारी कर्मचारी बीते सप्ताह से काम बंद कर हड़ताल पर हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित 19 राज्यों में से मणिपुर एक मात्र राज्य है, जहां सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें नहीं लागू की गई हैं।
इस हड़ताल का आह्वान संयुक्त रूप से 22 मार्च को ऑल मणिपुर ट्रेड यूनियन काउंसिल व ऑल मणिपुर गर्वमेंट एम्प्लाइज आर्गेनाइजेशन ने किया था।
हड़ताली कर्मचारियों के ज्वाइंट एडमिनिस्ट्रेटिव काउंसिल (जेएसी) के महासचिव एल. बिकेन ने कहा, “हम यह नहीं कह रहे हैं कि बढ़ा हुआ भुगतान अभी दिया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि सरकार को एक लिखित प्रतिबद्धता देनी चाहिए कि मणिपुर में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें कब तक लागू की जाएंगी।”
मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह के संसाधनों के कमी होने के ‘बहाने’ का जिक्र करते हुए बिकेन ने कहा कि राज्य सरकार ने चौथे, पांचवें व छठे वेतन आयोग का क्रियान्वयन किया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि मणिपुर में संसाधनों की कमी है व मणिपुर ज्यादातर केंद्र सरकार पर निर्भर है और इस वजह से यह अत्यधिक भुगतान को क्रियान्वित नहीं कर सकता।