भोपाल, 30 जून (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य लोक निर्माण मंत्री सरताज सिंह ने काफी ना-नुकुर और अपनी नाराजगी जताने के बाद पार्टी द्वारा तय दिशा निर्देशों को मानते हुए गुरुवार को आखिरकार अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
सत्तारूढ़ भाजपा ने 70 वर्ष की उम्र पार कर चुके दो मंत्रियों- सरताज सिंह चौहान व बाबूलाल गौर को इस्तीफा देने के निर्देश दिए थे। इस बात का दोनों मंत्रियों ने विरोध किया था, मगर सरताज सिंह ने आखिरकार पार्टी के निर्देश को मान लिया और अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
सरताज सिंह ने खुद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। वहीं गौर अब भी इस्तीफा न देने पर अड़े हुए हैं।
गुरुवार को शिवराम मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है। इससे पहले, बुजुर्ग मंत्री सरताज सिंह के पास पार्टी हाईकमान का इस्तीफा देने संबंधी संदेश लेकर पहुंचे पार्टी के प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्रबुद्धे और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान को खरी-खरी सुननी पड़ी थी।
सरताज सिंह ने दोनों नेताओं से कहा कि पार्टी हाईकमान को भी उनका संदेश पहुंचा दें कि उम्र नहीं, काम चुनाव में जीत दिलाती है।
पार्टी हाईकमान का संदेश लेकर गुरुवार की सुबह पार्टी के प्रदेश प्रभारी सहस्रबुद्धे और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भोपाल पहुंचे थे। मुख्यमंत्री आवास पर गहन मंथन हुआ और नए बनाए जाने वाले मंत्रियों के नामों पर चर्चा हुई।
वहीं बुजुर्ग मंत्रियों- बाबूलाल गौर और सरताज सिंह को हटाए जाने पर भी चर्चा हुई। उसके बाद सहस्रबुद्धे और नंदकुमार सरताज सिंह के आवास पर पहुंचे। उन्हें पार्टी हाईकमान का संदेश देते हुए इस्तीफा देने को कहा, मगर सरताज ने उन्हें खरी-खरी सुना डाली।
सरताज ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि उनसे हाईकमान के संदेश के आधार पर इस्तीफा देने को कहा। इस पर उन्होंने दोनों नेताओं से साफ कह दिया कि पार्टी हाईकमान का आदेश सर्वोपरि है, मगर उनकी बात को भी हाई कमान तक भेज दें। उन्होनें दोनों नेताओं से कहा है कि चुनाव उम्र नहीं जिताती, बल्कि नेता की सक्रियता और कार्यप्रणाली दिलाती है।
शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार में लगभग 10 नए चेहरों को स्थान दिए जाने के साथ बुजुर्ग मंत्री सरताज सिंह और बाबूलाल गौर को मंत्रिमंडल से बाहर करने या उन्हें मामूली विभाग दिए जाने की चर्चाएं हैं।
इस बीच, सरताज सिंह ने उम्र को लेकर चल रही चर्चाओं पर प्रतिप्रश्न करते हुए कहा कि वह सरकार के उन मंत्रियों में से हैं, जिन्होंने सर्वाधिक दौरे किए हैं, अगर उम्र काम में बाधक होती तो ऐसी स्थिति नहीं होती।
उन्होंने कहा कि लोक निर्माण मंत्री के तौर पर राज्य की सड़कों की हालत बदली जा रही है, विभागीय कामकाज में बदलाव लाया गया है। विभाग में व्याप्त गड़बड़ियों को सुधारा गया है। आगामी ढाई वर्ष में सड़कों की स्थिति में और सुधार किए जाने की योजना है।