भोपाल, 30 जून (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गुरुवार को हो रहे मंत्रिमंडल विस्तार से पहले बुजुर्ग मंत्री सरताज सिंह के पास पार्टी हाईकमान का इस्तीफा देने का फरमान लेकर पहुंचे पार्टी के प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्रबुद्धे और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान को खरी-खरी सुनना पड़ी।
सरताज सिंह ने नेताओं से कहा दिया कि पार्टी हाईकामन को भी उनका यह संदेश पहुंचा दें कि चुनाव में जीत उम्र नहीं, काम दिलाती है।
पार्टी हाईकमान का संदेश लेकर गुरुवार की सुबह सहस्रबुद्धे और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भोपाल पहुंचे थे। मुख्यमंत्री आवास पर गहन मंथन हुआ, नए बनाए जाने वाले मंत्रियों के नामों पर चर्चा हुई।
वहीं बुजुर्ग मंत्रियों बाबूलाल गौर और सरताज सिंह को हटाने पर भी चर्चा हुई। उसके बाद सहस्रबुद्धे और नंदकुमार सरताज सिंह के आवास पर पहुंचे। उन्हें पार्टी हाईकमान का संदेश देते हुए इस्तीफा देने को कहा, मगर सरताज ने उन्हें खरी-खरी सुना डाली।
सरताज ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि उनसे हाईकमान के संदेश के आधार पर इस्तीफा देने को कहा। इस पर उन्होंने दोनों नेताओं से साफ कह दिया कि पार्टी हाईकमान का आदेश सवरेपरि है, मगर उनकी बात को भी हाई कमान तक पहुंचा दें।
उन्होंने दोनों नेताओं से कहा कि चुनाव उम्र नहीं जिताती, बल्कि नेता की सक्रियता और कार्यप्रणाली दिलाती है।
मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रहे हैं। विस्तार में लगभग 10 नए चेहरों को स्थान दिए जाने के साथ बुजुर्ग मंत्री सरताज सिंह, बाबूलाल गौर के मंत्रिमंडल से बाहर करने या कमतर विभाग दिए जाने की चर्चाएं हैं। इन्हीं चर्चाओं के बीच सरताज सिंह ने संवाददाताओं से चर्चा करके संगठन और सत्ता स्तर पर चल रही कोशिशों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सरताज सिंह ने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार और किसे मंत्री बनाना है या नहीं, यह फैसला केंद्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री का होता है। जहां तक उम्र के आधार की बात है तो वह चाहते हैं कि मंत्री बनाए रखने का फैसला उम्र नहीं, बल्कि उनके परफार्मेस को आधार बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने उम्र को लेकर चल रही चर्चाओं पर प्रतिप्रश्न करते हुए कहा कि वह सरकार के उन मंत्रियों में से हैं, जिन्होंने सर्वाधिक दौरे किए हैं। अगर उम्र काम में बाधक होती तो ऐसी स्थिति नहीं होती।
सरताज ने कहा कि लोक निर्माण मंत्री के तौर पर राज्य की सड़कों की हालत बदली जा रही है, विभागीय कामकाज में बदलाव लाया गया है। विभाग में व्यप्त गड़बड़ियों को सुधारा गया है। आगामी ढाई वर्ष में सड़कों की स्थिति में और सुधार किए जाने की योजना है।