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 मप्र : 32 साल से जनजातियों के बीच आईआईटी के पूर्व प्रोफेसर | dharmpath.com

Wednesday , 14 May 2025

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मप्र : 32 साल से जनजातियों के बीच आईआईटी के पूर्व प्रोफेसर

May 10, 2016 8:15 pm by: Category: भारत Comments Off on मप्र : 32 साल से जनजातियों के बीच आईआईटी के पूर्व प्रोफेसर A+ / A-

Alok Kumar MPबैतूल, 10 मई (आईएएनएस)। मगर मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में आईआईटी के एक पूर्व प्रोफेसर आलोक सागर जनजातियों के बीच अपनी डिग्रियां छुपाकर रह रहे हैं। उन्होंने 32 वर्ष बाद अपनी योग्यता का ब्योरा तब दिया, जब उन्हें पुलिस ने थाने बुलाया।

सामाजिक कार्यकर्ता अनुराग मोदी ने कहा, “मूलत: दिल्ली के रहने वाले आलोक सागर पिछले 32 सालों से बैतूल और होशंगाबाद जिले के जनजाति गांव में गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं। उन्होंने 1990 से बैतूल जिले के जनजातीय गांव कोचामाऊ को अपना ठिकाना बनाया हुआ है। वह यहां जंगल को हरा-भरा करने के मिशन में लगे हुए हैं।”

बैतूल जिले की घोडाडोंगरी विधानसभा में उप-चुनाव होने वाले हैं, इस दौरान पुलिस सुरक्षा के मद्देनजर इस बात का पता कर रही है कि संबंधित क्षेत्र में कोई बाहरी व्यक्ति तो नहीं है। इसी के चलते शाहपुरा थाने की पुलिस ने आलोक सागर को सोमवार को थाने बुलाया।

मोदी ने बताया कि पुलिस ने सागर को गांव छोड़ने को कहा और चेतावनी दी कि अगर वह ऐसा नहीं करेंगे तो उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा।

मोदी के अनुसार, आलोक सागर ने मीडिया को बताया है कि उन्होंने 1973 में आईआईटी़, दिल्ली से एम.टेक. किया, 1977 में हयूस्टन युनिवर्सिटी, टेक्सास, अमेरिका से शोध डिग्री ली। इसके अलावा टेक्सास युनिवर्सिटी से पोस्ट डॉक्टरेट की तथा डलहौजी युनिवर्सिटी, कनाडा में फेलोशिप की है। उन्होंने 1982 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली में प्रोफेसर की नौकरी से त्याग-पत्र दे दिया।

आलोक सागर ने संवाददाताओं को बताया है कि वे जनजातियों के बीच अरसे से काम कर रहे हैं और 32 वर्ष बाद पहली बार ऐसा मौका आया है, जब उन्हें अपनी शैक्षणिक योग्यता का हिसाब देना पड़ा है।

शाहपुरा थाने के प्रभारी राजेंद्र धुर्वे ने मंगलवार को आईएएनएस से कहा, “विकासखंड की बैठक में यह बात सामने आई थी कि कोचामाऊ में एक अनजान व्यक्ति कई वर्षो से रहता है। इसी के चलते उन्हें बुलाया गया था, मगर वह अपना पहचान पत्र तक नहीं दिखा पाए। उन्होंने अपने को जहां का निवासी बताया और पता दिया है, उसकी तस्दीक की जा रही है। उन्होंने अपनी कोई डिग्री या शैक्षणिक दस्तावेज भी पुलिस को नहीं दिखाया है।”

मप्र : 32 साल से जनजातियों के बीच आईआईटी के पूर्व प्रोफेसर Reviewed by on . बैतूल, 10 मई (आईएएनएस)। मगर मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में आईआईटी के एक पूर्व प्रोफेसर आलोक सागर जनजातियों के बीच अपनी डिग्रियां छुपाकर रह रहे हैं। उन्होंने 32 व बैतूल, 10 मई (आईएएनएस)। मगर मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में आईआईटी के एक पूर्व प्रोफेसर आलोक सागर जनजातियों के बीच अपनी डिग्रियां छुपाकर रह रहे हैं। उन्होंने 32 व Rating: 0
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