यंगून, 24 फरवरी (आईएएनएस)। म्यांमार की सरकार यंगून के कारखानों में विदेशी नियोक्ताओं और प्रदर्शनकारी कामगारों के बीच श्रम विवाद को लेकर जारी गतिरोध को दूर करने की कोशिश में जुटी है।
श्रम मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि जिन लोगों ने नियम तोड़े हैं और कानून-व्यवस्था में व्यवधान डाला है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के मुताबिक, बयान में कहा गया है कि विदेशी नियोक्ताओं ने सरकार से उनके कारखानों के संचालन के लिए उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है। इसमें कहा गया है कि प्रदर्शनकारी कामगारों द्वारा कुछ कारखानों के प्रवेश द्वार को अवरुद्ध करना कानून का उल्लंघन है।
बयान के मुताबिक, “स्वेपयिथा और हलैंग्थार्य औद्योगकि क्षेत्रों में स्थित कुछ कारखानों को काली सूची में डाला जा रहा है, क्योंकि 28 जनवरी से शुरू हुई श्रमिक हड़ताल के कारण उनके कारखानों में दो हफ्तों से भी अधिक समय से उत्पादन रुका हुआ है।”
बयान में कहा गया है कि यद्यपि सरकार की मध्यस्तता के दौरान ज्यादातर श्रमिकों का अपने नियोक्ताओं के साथ समझौते हो गया और वे काम पर लौट आए हैं। कुछ श्रमिक अब भी कपड़ों के एक कारखाने के बाहर धरना दे रहे हैं।
पिछले सप्ताह म्यांमार पुलिस ने हड़ताल कर रहे श्रमिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए 30 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था, इनमें श्रमिकों के नेता भी शामिल थे। वेतन वृद्धि की मांग को लेकर तीन विदेशी कारखानों के करीब 2,000 प्रदर्शनकारी पिछले एक माह से प्रदर्शन कर रहे हैं।