नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। मणिपुर में नागालैंड वासियों का प्रतिनिधित्व करने वाली युनाइटेड नगा काउंसिल ने मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और इंफाल घाटी में जारी हिंसा के मद्देनजर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मुलाकात करेगा।
प्रतिनिधिमंडल ने सात नए जिलों के गठन को अवैध करार दिया है, क्योंकि हिल एरिया कमेटी से कोई परामर्श नहीं लिया गया, जो भारतीय संविधान के तहत अनिवार्य है।
यूएनसी के पूर्व अध्यक्ष के. एस. पाउल ने कहा, “राज्य सरकार ने नगा लोगों से परामर्श किए बिना नए जिलों का गठन किया, वह भी नगा जिलों का विभाजन करके। यह चार विभिन्न समझौता ज्ञापनों तथा 2011 में केंद्रीय गृह मंत्रालय के लिखित आश्वासन के खिलाफ है, जिसमें कहा गया है कि हितधारकों से परामर्श लिए बिना प्रशासनिक गठन से संबंधित फैसला नहीं लिया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “हमने केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात कर उनसे तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। क्षेत्र का विभाजन तथा नए जिलों के गठन को नगा बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग करते हैं।”
कांग्रेस नीत राज्य सरकार द्वारा सात नए जिलों -जिरिबाम, कांगपोकपी, तेंगोपाल, फारजोल, काकचिंग, नोने तथा कामजोंगिन के गठन की घोषणा के बाद मणिपुर की इंफाल घाटी में हिंसा भड़क उठी और हिंसक घटनाएं लगातार जारी हैं।