मिंस्क, 12 फरवरी (आईएएनएस)। पूर्वी यूक्रेन में 15 फरवरी से संघर्ष विराम की शुरुआत होगी। रूस और यूक्रेन के नेताओं ने गुरुवार को यह घोषणा की।
समाचार चैनल बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन के राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको व फ्रांस तथा जर्मनी के नेताओं के साथ वार्ता के बाद कहा, “मुख्य मुद्दे पर सहमति बनाने में हम सफल हुए हैं।”
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा होलांद ने कहा, “हम गंभीर समझौते तक पहुंच चुके हैं, हालांकि काफी काम अभी बाकी है।”
पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष के दौरान हजारों लोग मारे जा चुके हैं।
बेलारूस में 17 घंटों तक होने वाली बैठक संघर्ष विराम, भारी हथियारों को हटाना व प्रभावित क्षेत्र से सैनिकों को खाली कराने पर केंद्रित थी।
पुतिन ने कहा कि समझौते के मुताबिक एक निश्चित क्षेत्र तय किया गया है, जहां से भारी हथियारों को हटा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के रूस समर्थित विद्रोहियों ने भी यह समझौता मंजूर कर लिया है।
होलांद ने कहा कि वह और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल शाम को होने वाले एक सम्मेलन में यूरोपीय संघ को इसका समर्थन करने के लिए कहेंगे।
इससे पहले, पेट्रो पोरोशेंको ने गुरुवार को बेलारूस में कहा कि यूक्रेन में संघर्ष को लेकर जारी शांति वार्ता में रूस ने जो शर्ते रखी हैं, वे अस्वीकार्य हैं।
समाचार चैनल बीबीसी के मुताबिक, रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन के साथ चल रही चार पक्षीय वार्ता के बीच पोरोशेंको ने संवाददाताओं से यह बात कही।
उन्होंने कहा कि रूस ने जो शर्ते रखी है, वह मेरे लिए अस्वीकार्य हैं। उन्होंने हालांकि ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि जब तक वार्ता चलेगी, उम्मीद बाकी है।
फ्रांस व जर्मनी के नेताओं ने भी इस चार पक्षीय बैठक में हिस्सा लिया, जो गुरुवार देर शाम शुरू हुई और गुरुवार सुबह तक जारी रही।
मिंस्क में शांति पहल का नेतृत्व जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल तथा फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वां होलांद ने किया।
रूस पर आरोप है कि उसने रूस समर्थक विद्रोहियों को पूर्वी यूक्रेन में मजबूत किया और उन्हें हथियार उपलब्ध कराए। हालांकि उसने इन आरोपों से इनकार किया है।
समझौता का पूर्ण विवरण जारी होना अभी बाकी है।
बीते साल सितंबर में भी एक संघर्ष विराम पर सहमति बनी थी, लेकिन जारी गोलीबारी के कारण वह टूट गया था।