नई दिल्ली, 20 जून (आईएएनएस)। सरकार ने सोमवार को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नए आसान नियमों की घोषणा की और रक्षा क्षेत्र में शत प्रतिशत विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी, ताकि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा दिया जा सके। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में बताया गया कि अब प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को 49 फीसदी से बढ़ा दिया गया है, लेकिन इसके लिए ‘सरकार से मंजूरी’ लेनी होगी। ‘स्टेट आफ द आर्ट’ प्रौद्योगिकी की उपलब्धता की शर्त हटा ली गई है लेकिन अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी एक प्रमुख शर्त रखी गई है।
नई एफडीआई व्यवस्था के साथ ऑटोमेटिक रूट से किसी कंपनी की 49 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने की ही अनुमति होगी, जबकि 49 फीसदी से अधिक निवेश के लिए सरकार से अलग से अनुमति लेनी होगी और यह हरेक मामले को देखने के बाद ही दी जाएगी। इसकी मंजूरी के लिए सबसे जरूरी शर्त अत्याधुनिक तकनीक रखी गई है।
रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा को छोटे हथियारों और गोला बारूद के निर्माण के लिए भी लागू किया गया है जो शस्त्र अधिनियम 1959 के तहत आता है।