रांची, 10 दिसम्बर (आईएएनएस)। राज्य सरकार द्वारा राजधानी रांची के लिए तैयार मास्टरप्लान-2037 के विरोध में गुरुवार को रांची में जनजातीय समुदाय के सैकड़ों लोगों ने विरोध मार्च निकाला।
आदिवासी अधिकार मंच के बैनर तले निकाली गई विरोध रैली में लोगों ने ‘रांची मास्टरप्लान-2037 वापस लो’ नारे लिखे तख्तियां ले रखी थीं।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राज्य का आदिवासी समुदाय नाराज हैं, क्योंकि मास्टरप्लान तैयार करते समय उनसे राय नहीं ली गई।
एक प्रदर्शनकारी मंजू मुंडा ने कहा, “रांची के लिए मास्टरप्लान तैयार करते समय हमसे राय नहीं ली गई। आदिवासियों की जमीनें ले ली जाएंगी और हमें फिर से विस्थापित कर दिया जाएगा।”
झारखंड के नगर विकास मंत्रालय ने तेजी से बढ़ रही आबादी और यातायात जाम की समस्या को देखते हुए रांची के लिए यह मास्टरप्लान तैयार किया है।
इस मास्टरप्लान में सड़कों, बिजली, रिहायशी इलाकों, यातायात और अन्य अहम मुद्दों के बारे में योजना तैयार की गई है।
एक अन्य प्रदर्शनकारी मनकी ओरांव ने कहा, “राज्य की कुल आबादी की 27 फीसदी आबादी आदिवासी है और मास्टरप्लान जैसे अहम मुद्दों पर फैसला लेते समय हमसे राय ली जानी चाहिए। हम विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन विकास के नाम पर हमें विस्थापित नहीं किया जाना चाहिए।”