जयपुर, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रदेश में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 250 चिकित्सा दलों द्वारा चिन्हित 20 जिलों की 15 हजार 596 स्कूलों एवं 11 हजार 942 आंगनबाड़ी केन्द्रों में जाकर कुल 21 लाख 4 हजार 888 बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की गई है। स्वास्थ्य जांच के दौरान विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के चिन्हित एक लाख 16 हजार 180 बच्चों को उपचार हेतु चिकित्सा संस्थानों को रेफर किया गया।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ की अध्यक्षता में बुधवार को अपराह्न् स्वास्थ्य भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गयी। चयनित 20 जिलों में 7 संभागीय मुख्यालय जिले, 10 उच्च प्राथमिक जिले एवं 3 आदिवासी जिले शामिल हैं। स्वास्थ्य परीक्षण प्रशिक्षित 250 मोबाइल चिकित्सा दलों द्वारा किया गया है। स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान राजकीय विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में आने वाले 18 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों में चिन्हित 30 बीमारियों की स्क्रीनिंग की गई।
राठौड़ ने रेफर किए गए प्रत्येक बच्चे का उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इन सभी बच्चों के उपचार की जिला स्तर पर कार्य योजना बनाकर ब्लॉक एवं सीएचसी स्तर पर शिविर आयोजित किए जा रहे हैं एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं लेकर समस्त बच्चों का उपचार किया जा रहा है। गंभीर किस्म की बीमारियों से ग्रसित बच्चों का उपचार एवं सर्जरी इत्यादि का कार्य संबंधित मेडिकल कॉलेजों एवं निजी चिकित्सालयों के सहयोग से किया जा रहा है।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि रेफर किये गये बच्चों को लाने-ले जाने के लिये जननी एक्सप्रेस-104 का उपयोग करने के साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा उपलब्ध करवाए गए वाहनों का भी उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक इन 20 जिलों में 198 शिविरों का आयोजन कर 32 हजार 363 बच्चों का उपचार किया जा चुका है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक नवीन जैन ने बताया कि गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों की सर्जरी व उपचार का कार्य निरन्तर जारी है एवं इसकी नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जा रही है।