नई दिल्ली, 12 सितम्बर (आईएएनएस)। राफेल जेट से भारतीय वायु सेना (आईएएफ) को पाकिस्तान और चीन से मिलने वाले गंभीर खतरे से लड़ने की शक्ति मिलेगी। वित्तीय अनियमितता से आरोप से घिरे राफेल सौदे के बीच एयर चीफ मार्शल बी. एस. धनोआ ने बुधवार को फ्रांस की चौथी पीढ़ी के इन विमानों की तारीफ की।
वायुसेना प्रमुख ने बुधवार को कहा कि फ्रांस से लड़ाकू विमान राफेल हासिल कर वायुसेना अपने कमजोर बेड़े को मजबूत कर रही है। खासतौर से ऐसे समय में जब भारत के पड़ोसी ‘चैन से नहीं बैठ’ रहे हैं और लगातार अपने वायु युद्ध क्षमताओं का आधुनिकीकरण कर रहे हैं।
उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, “राफेल व एस-400 (एंटी मिसाइल सिस्टम) को मुहैया करा सरकार वायुसेना को मजबूत कर रही है।”
उन्होंने कहा, “हमारे मध्यम तकनीक वाले लड़ाकू विमान जैसे तेजस अकेले सक्षम नहीं हैं, इसलिए हमें राफेल जैसे जेट लड़ाकू विमान की जरूरत है।”
वायुसेना के लिए स्वीकृत 42 स्क्वाड्रन की जगह 31 स्कवाड्रन ही होने का जिक्र करते हुए धनोआ ने कहा कि पाकिस्तान व चीन के साथ दो युद्ध मोर्चे के खतरे के बावजूद देश लड़ाकू विमान की कमी का सामना कर रहा है।
उन्होंने कहा, “बहुत कम देश हमारी जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। हमारे दोनों पड़ोसियों के पास परमाणु शक्ति है। हमें दो युद्ध मोर्चो पर पाकिस्तान व चीन के साथ मुकाबला करना है।”
वायुसेना प्रमुख ने यह टिप्पणी भारतीय जनता पार्टी की पूर्व की सरकार में मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा व अरुण शौरी द्वारा राफेल विमानों की खरीद में घोटाले का आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद की है, जिसे इन पूर्व मंत्रियों ने राफेल सौदे को देश का ‘सबसे बड़ा रक्षा घोटाला’ बताया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘निजी तौर पर’ शामिल होने का आरोप लगाया है।
इस महीने की शुरुआत में वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल एस.बी. देव ने भी राफेल विमानों की तारीफ की थी। उन्होंने कहा कि ये विमान भारत को बेजोड़ मुकाबला क्षमता देंगे।