नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर कार्यकर्ताओं की बात न सुनने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रीता बहुगुणा जोशी गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गईं। उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से चंद महीने पहले जोशी के भाजपा में शामिल होने को कांग्रेस को तगड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। जोशी पिछले 24 वर्षो से कांग्रेस में थीं।
भाजपा में शामिल होने के बाद जोशी ने संवाददाताओं से कहा, “सोनिया जी हमारी सुनती थीं। वह कोई भी फैसला ले सकती थीं, लेकिन हमारी सुनती थीं। लेकिन राहुल गांधी के नेतृत्व में यह संभव नहीं है।”
राहुल गांधी पर करारा वार करते हुए जोशी ने कहा, “उनका नेतृत्व केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश को मंजूर नहीं है। यहां तक कि राज्य के वरिष्ठ नेताओं में भी रोष है।”
उन्होंने कहा, “जिस तरीके से उन्हें राष्ट्रीय पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए था, उसे गंभीरता पूर्वक निभाने में वह नाकाम रहे हैं। उनका नेतृत्व लोगों को स्वीकार नहीं है।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़ना उनके लिए आसान फैसला नहीं था, लेकिन उन्होंने देश के हित में यह फैसला लिया।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सेना के सर्जिकल स्ट्राइक की प्रशंसा करते हुए जोशी ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना तथा कांग्रेस द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगने पर उन्हें गुस्सा आया।
रीता बहुगुणा ने कहा, “यह सरकार और सेना की बड़ी उपलब्धि थी। जब मैंने सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में जाना, तो मुझे बेहद खुशी हुई।” उन्होंने कहा कि उन्हें स्ट्राइक का सबूत मांगने व ‘खून की दलाली’ जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर बेहद गुस्सा आया।
जोशी के पार्टी छोड़ने पर राज्य कांग्रेस के प्रमुख राज बब्बर ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनके जाने का उत्तर प्रदेश में पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, जैसे उनके भाई के उत्तराखंड में कांग्रेस छोड़ने से पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ा था।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकीं रीता बहुगुणा जोशी ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के चुनाव प्रबंधक प्रशांत किशोर को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा, “एक चुनाव प्रबंधक कभी भी चुनाव निर्देशक नहीं हो सकता।”
उन्होंने कहा, “2014 लोकसभा चुनाव में पराजय के बाद कांग्रेस को जिस राह पर चलना चाहिए था, वह ऐसा नहीं कर सकी।”
अभी कुछ समय पहले तक जोशी राहुल गांधी की बड़ी समर्थक के तौैर पर जानी जाती थीं। लेकिन, गुरुवार को उन्होंने कांग्रेस पर पूरे चुनावी प्रबंध को प्रशांत किशोर के हाथ में देने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “न केवल चुनाव की दिशा, बल्कि समूचा नेतृत्व ही प्रशांत किशोर के हाथ सौंप दिया गया। पार्टी अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि पार्टी को संविदा पर दे दिया गया है। यहां तक कि बड़े कद वाले नेताओं को भी स्वतंत्रतापूर्वक बोलने की मंजूरी नहीं है।”
जोशी ने उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) तथा मुख्य विपक्षी पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को भी आड़े हाथ लिया।
उन्होंने कहा, “सपा तथा बसपा दोनों ने ही प्रदेश को लूटा। उत्तर प्रदेश में माफिया राज है। उत्तर प्रदेश को दोनों पार्टियों से मुक्त होने की जरूरत है।”
रीता बहुगुणा जोशी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी तथा उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की बहन हैं। विजय बहुगुणा भी कुछ समय पहले भाजपा में शामिल हो गए।
ज्ञात सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को पार्टी द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार तथा राज बब्बर को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के समय से ही जोशी पार्टी से नाराज चल रही थीं।
जोशी लखनऊ कैंट विधानसभा क्षेत्र से मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव के खिलाफ भाजपा की उम्मीदवार हो सकती हैं।