नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। विश्व के सबसे बड़े तटीय शहरों जैसे लंदन, शंघाई और बैंकॉक को भविष्य में भीषण बाढ़ की घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है। एक नई रिपोर्ट में शुक्रवार को यह चेतावनी दी गई।
माना जा रहा है कि जलवायु परिवर्तन पर अगले सप्ताह आने वाली अंतर-सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की रिपोर्ट में ग्लोबल वार्मिग में 1.5 डिग्री तक तत्काल कटौती की बात कही जाने वाली है।
ब्रिटेन स्थित क्रिश्चियन एड द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया कि कुछ शहरों की स्थिति त्रूफान और बाढ़ से अधिक भयावह हो सकती है।
अगर ग्लोबल वार्मिग 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित नहीं हुई तो समुद्र स्तर की वृद्धि 40 सेंटीमीटर से अधिक हो सकती है। 2030 तक दुनिया की शहरी आबादी बढ़कर 59 प्रतिशत हो जाएगी और शहर के निवासियों के लिए खतरे की स्थिति होगी।
रिपोर्ट लेखक एवं क्रिश्चियन एड की ग्लोबल क्लाइमेट लीड कैट क्रैमर ने कहा, “विश्व के कुछ प्रसिद्ध शहर खतरे में हैं क्योंकि जलवायु परिवर्तन से समुद्र स्तर में वृद्धि हो रही है।”
उन्होंने कहा, “हम यह आकलन कर रहे हैं कि क्या होगा जब जलवायु परिवर्तन बड़े खतरे का रूप धारण करेगा जो विकास से जुड़े खराब निर्णयों के कारण होगा।”
‘सिंकिंग सिटीज, राइजिंग सीज’ नामक रिपोर्ट में जकार्ता, ह्यूस्टन, लंदन, शंघाई, लागोस, मनीला और बैंकॉक के लिए खतरे का जिक्र किया गया है।