नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)। गायिका हर्षदीप कौर का कहना है कि एक समय था जब भारतीय संगीत उद्योग से एकल संगीत गायब हो गया था लेकिन यह अब वापसी कर रहा है।
हर्षदीप ने मुंबई से आईएएनएस को फोन पर बताया, “एक समय था जब मैं स्कूल में थी, तब हम एकल संगीत सुनना पसंद करते थे और तब इंडी पॉप के कई गीत थे। बीच के दौर में बॉलीवुड गीतों के छा जाने से एकल गीत लगभग गायब हो गए थे।”
उन्होंने कहा, “लेकिन अब इंडी पॉप गीतों का दौर लौट रहा है। अब कई स्वतंत्र कलाकार यूट्यूब और सोशल मीडिया जैसे प्लेटफॉर्म्स को धन्यवाद देते हैं। लोग रचना करके उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर सकते हैं। इसलिए, एकल संगीत वापसी कर रहा है और लोग वास्तव में उसका मजा ले रहे हैं।”
हर्षदीप को ‘रंग दे बसंती’ के इक ओंकार, ‘ये जवानी है दीवानी’ के कबीरा, ‘बरेली की बर्फी’ के ट्विस्ट कमरिया, ‘जब तक है जान’ के हीर और ‘राजी’ के दिलबरो जैसे गीतों के लिए जाना जाता है।
गायिका बॉलीवुड में गाने के अलावा एकल गीतों को तैयार करने में व्यस्त हैं।
उन्होंने कहा, “मैं खुद के एकल गीत पर काम कर रही हूं। मुझे गीत लिखना पसंद है। मैं अपने यूट्यूब चैनल पर काम कर रही हूं और बॉलीवुड से अलग गीत उस पर डाल रही हूं। बॉलीवुड में आप सिर्फ परिस्थितिजन्य गीत कर सकते हैं लेकिन एकल गीत में हम प्रयोग भी कर सकते हैं।”