वाराणसी-सदियों की परंपरा निभाते हुए कल सोमवार वाराणसी के महाश्मशान मणिकर्णिका में दिगंबर काशी विश्वनाथ जी के साथ गणों ने होली खेली.खेलें मसाने में दिगंबर,खेलें मसाने में की स्वर लहरियों के साथ यह परंपरा निभायी गई .
मान्यता है की रंगभरी एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ माँ गौरी का गौना करवा कर लौटते हैं और अपने गणों एवं भूत-प्रेतों के साथ होली खेलते हैं.इस होली में टेसू के रंग की जगह चिता की भस्म होती है.सम्पूर्ण काशी में यही एक स्थान है जहाँ चिता-भस्म से होली खेली जाती है.