नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि विकलांगों के लिए रेल यात्रा को और बेहतर और सुविधाजनक बनाया जाएगा।
नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि विकलांगों के लिए रेल यात्रा को और बेहतर और सुविधाजनक बनाया जाएगा।
प्रभु ने शुक्रवार को यहां इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एनसीपीईडीपी एम्फेसिस यूनिवर्सल डिजाइन पुरस्कार समारोह में यह बात कही। उन्होंने कहा कि देश में लगभग 8000 स्टेशन हैं। तीन करोड़ लोग रोजाना ट्रेन से सफर करते हैं। देश की जनसंख्या बढ़ी है लेकिन इस अनुपात में रेलवे के आधारभूत ढांचे का विकास नहीं हुआ है।
प्रभु ने कहा, “मैं (रेलवे के) अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों से कहूंगा कि वे देखें कि रेल के डिब्बों को कैसे विकलांगों के लिए सुविधाजनक बनाया जा सकता है।”
लेकिन, प्रभु ने साफ कर दिया कि इस काम में समय लग सकता है और वह कोई झूठा वादा नहीं कर रहे हैं।
रेल मंत्री ने कहा कि कई स्टेशनों पर कंपनियों की तरफ से कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत व्हील चेयर दी गई हैं। उन्होंने निजी क्षेत्र से इस दिशा में और मदद देने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि सीएसआर के तहत नहीं बल्कि अपने ‘सुख और आनंद’ के लिए लोगों की मदद करें।
प्रभु ने कहा कि विकलांगों का ‘धर्म’ आगे बढ़ना होना चाहिए जबकि अन्य लोगों का ‘कर्म’ इन्हें जितना संभव हो उतनी मदद करना होना चाहिए।
इस मौके पर नेशनल सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ एम्प्लयामेंट फॉर डिसएबल्ड पीपुल (एनसीपीईडीपी) के मानद निदेशक जावेद आब्दी ने रेल मंत्री का ध्यान विकलांगों के सामने रेलगाड़ियों और रेलवे स्टेशनों पर आने वाली दिक्कतों की तरफ खींचा।
रेल मंत्री ने इस मौके पर कई ऐसे लोगों और संस्थाओं को इनाम से नवाजा जिन्होंने विकलांगों की मदद करने वाली नायाब चीजें बनाई हैं।
पुरस्कार पाने वालों में असम के धीमाजी जिले की छात्रा अर्चना कोनवर भी शामिल थीं। अर्चना ने एक ऐसी बैसाखी बनाई है जिसमें शॉक आब्जर्वर लगा हुआ है और जिसके इस्तेमाल से पैर की समस्या से परेशान लोगों को कम दर्द होता है।