मेलबर्न, 14 फरवरी (आईएएनएस)। मेलबर्न क्रिकेट मैदान (एमसीजी) पर शनिवार को हुए क्रिकेट विश्व कप के दूसरे मैच की समाप्ति के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने स्वीकार किया है कि नियमों को लेकर मैदान पर मौजूद अंपायरों द्वारा उस समय गलती हुई जब इंग्लैंड के आखिरी बल्लेबाज जेम्स एंडरसन को रन आउट करार दिया गया।
एंडरसन इंग्लैंड के आखिरी विकेट के रूप में पवेलियन लौटे। एंडरसन को गलती से रन आउट दिए जाने को हालांकि मैच के परिणाम पर ज्यादा प्रभाव डालने वाला नहीं माना जा सकता, क्योंकि एंडरसन जब लौटे उस समय भी इंग्लैंड को 49 गेंदों में 111 रनों की जरूरत थी।
विश्व कप में पहली बार खेल रहे जेम्स टेलर हालांकि 98 रन बनाकर नाबाद रहे और एंडरसन को आउट दिए जाने के कारण वह अपने पहले विश्व कप मैच में शतक बनाने से चूक गए।
आईसीसी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, “डीआरएस प्रणाली के परिशिष्ट-6 के अनुच्छेद 3.6ए के तहत टेलर को पगबाधा देने के बाद ही गेंद को अमान्य मान लेना चाहिए। इसके बाद न तो बल्लेबाज रन ले सकते हैं और न ही रन आउट किए जा सकते हैं।”
मैच के बाद आईसीसी के खेल नियंत्रण दल ने इंग्लैंड टीम प्रबंधन से मिलकर सूचित किया कि मैच गलत तरीके से समाप्त हुआ और एंडरसन को रन आउट दिए जाने में गलती हुई।
दरअसल, जोस हैजलवुड द्वारा डाले गए इंग्लैंड की पारी के 42वें ओवर की आखिरी गेंद पर पाकिस्तानी अंपायर अलीम दार ने टेलर को पगबाधा दे दिया। टेलर ने हालांकि फैसले से असहमति जताते हुए तत्काल तीसरे अंपायर से रिव्यू मांगा। टेलीविजन रिप्ले में साफ हुआ कि गेंद लेग विकेट से बाहर जा रही थी। नतीजतन, टीवी अंपायर ने टेलर को पगबाधा दिए जाने के फैसले को पलट दिया।
इस बीच हालांकि एक नई परिस्थिति पैदा हो गई और इंग्लैंड के दोनों बल्लेबाज लेग बाई के रूप में एक रन चुराने के लिए दौड़ पड़े। उसी समय मैक्सवेल ने एंडरसन को रन आउट कर दिया। एंडरसन गेंद के विकेट से टकराने के समय क्रीज से बाहर थे।
यहां कुछ भ्रम की स्थिति और कई बार रिप्ले देखने के बाद मैदान पर खड़े अंपायर कुमार धर्मसेना ने एंडरसन को आउट करार दिया।
नियमों के अनुसार हालांकि गेंद को तभी अमान्य घोषित कर दी जानी चाहिए थी जब पगबाधा का फैसला रिव्यू के लिए टीवी अंपायर के पास भेजा गया।