नई दिल्ली, 24 सितम्बर (आईएएनएस)। दुनिया भर के अन्य नेताओं के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी 25 सितंबर को न्यूयॉर्क में होने वाले संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में नए वैश्विक लक्ष्यों को अपनाएंगे। भारत के लिए इस ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने के लिए दिल्ली के पुराना किला में ‘लाइट द वे’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसे देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।
इस कार्यक्रम में रघु दीक्षित प्रोजेक्ट और बेंगलुरू की नृत्य कंपनी नृत्यारुत ने अपने शानदार प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, वहीं एक अनोखे लेजर लाइट शो से पुराना किला को प्रकाशित करने के साथ ही वैश्विक लक्ष्यों की कहानी को भी जीवंत किया गया।
‘लाइट द वे’ का आयोजन एक्शन/2015, सेव द चिल्ड्रेन और भारत में संयुक्त राष्ट्र की ओर से किया गया और सहर द्वारा प्रस्तुत किया गया। मणिपुर से लेकर राजस्थान और हिमाचल प्रदेश से लेकर तमिलनाडु तक, भारत के लोग देश के सभी कोनों में दीप जला कर प्रधानमंत्री मोदी से ‘लाइट द वे’ और मौजूदा समय की ज्वलंत समस्याओं- गरीबी, असमानता और जलवायु परिवर्तन को निपटाने की अपील कर रहे हैं।
इस आयोजन का संदेश और तस्वीरें न्यूयॉर्क तक जाएंगी, जहां संयुक्त राष्ट्र के बाहर आयोजित एक बड़े लाइट शो में उनका प्रदर्शन किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी सहित दुनिया भर के नेता खुद संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान इन तस्वीरों और कार्रवाई के लिए मिल रहे व्यापक समर्थन को देखेंगे।
दुनिया के कई देश भारत का अनुसरण कर सिडनी के ओपेरा हाउस और लंदन में मिलेनियम ब्रिज, ब्रसेल्स के यूरोपीय पार्लियामेंट और जोहान्सबर्ग में टेबल माउंटेन जैसी जानी मानी जगहों समेत 100 से ज्यादा देशों में ऐसे ही आयोजन करेंगे।
सेव द चिल्ड्रेन के कार्यक्रम निदेशक डॉ. सुदीप सिंह गडोक ने कहा, “दुनिया के एक-तिहाई गरीब भारत में रहते हैं। वैश्विक लक्ष्य गरीबी में जी रहीं महिलाएं और बच्चे समेत लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाने का एक अवसर है। हमें आशा है कि हमारे प्रधानमंत्री इसकी अगुआई करेंगे और इन लक्ष्यों को पूरा करने के प्रति ²ढ़ प्रतिबद्धता दिखाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी नागरिक इसमें पीछे न छूट जाए।”
नई टिकाऊ विकास के लक्ष्यों सभी लोगों के बेहतर भविष्य की दिशा में प्रगति का ऐतिहासिक अवसर है। 2015 की गरीबी को खत्म करने की प्रतिबद्धताओं को 2030 के अंत तक हासिल किया जा सकता है और बढ़ती असमाना और भेदभाव को दूर करने और 100 फीसदी अक्षय ऊर्जा को अपनाने को गति देने का निर्णायक बिंदु होगा।
आयोजन में संयुक्त राष्ट्र की प्रतिनिधि, रेबेका रिचमैन टेवारेस ने लक्ष्यों के प्रति जागरूकता लाने के महत्व को रेखांकित किया। डॉ. टेवारेस ने कहा, “जितने ज्यादा लोग नए वैश्विक विकास के ऐजेंडे को जानेंगे, उतने ही लोग इन लक्ष्यों को हकीकत में बदलना सुनिश्चित करने की दिषा में काम करेंगे।”