Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच, रसूखदारों को नहीं आंच (सिंहावलोकन-2015) | dharmpath.com

Saturday , 3 May 2025

Home » राज्य का पन्ना » व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच, रसूखदारों को नहीं आंच (सिंहावलोकन-2015)

व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच, रसूखदारों को नहीं आंच (सिंहावलोकन-2015)

December 26, 2015 10:29 pm by: Category: राज्य का पन्ना Comments Off on व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच, रसूखदारों को नहीं आंच (सिंहावलोकन-2015) A+ / A-

download (23)भोपाल-मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच इस साल अन्वेषण जांच ब्यूरो (सीबीआई) के हाथों में पहुंचने के बाद उम्मीद जागी थी कि अब कोई आरोपी बच नहीं पाएगा, मगर यह उम्मीद अब कमजोर पड़ने लगी है, क्योंकि सीबीआई जांच के बाद कोई जेल तो नहीं गया, बल्कि इसके उलट कई रसूखदार जमानत पाकर जेल से छूट जरूर गए हैं।

व्यापमं घोटाले का कवरेज करने आए समाचार चैनल ‘आजतक’ के खोजी पत्रकार अक्षय सिंह की इसी साल जून माह में संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। इसके बाद पूरे देश में इस घोटाले की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था और यही कारण था कि विपक्ष की अरसे से चली आ रही सीबीआई जांच की मांग को दरकिनार करते आ रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ठीक उसी दिन इस जांच की अनुशंसा कर दी, जिस दिन सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए। सीबीआई इस घोटाले की जांच जुलाई से ही कर रही है।

सीबीआई बीते पांच माह में अब तक सौ से अधिक प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है, इनमें से अधिकांश वही प्राथमिकी हैं, जो एसटीएफ दर्ज कर चुकी थी। इसके अलावा व्यापम से जुड़े 48 लोगों की मौत के मामलों में भी सीबीआई ने कई में प्राथमिकी दर्ज की है, मगर नई गिरफ्तारी एक भी नहीं हुई।

बीते कुछ समय में देखें तो पता चलता है कि व्यापम घोटाले प्रमुख आरोपियों में से एक पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, राज्यपाल के पूर्व ओएसडी धनराज यादव और अन्य कई लोगों को जमानत मिल गई। व्हिसिलब्लोअर डॉ. आनंद राय का कहना है कि अब उन्हें सीबीआई पर भी ज्यादा भरोसा नहीं रहा, अब तो उनकी सारी उम्मीद सर्वोच्च न्यायालय पर टिकी हुई है।

वह कहते हैं कि चाहे कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो और अभी अपने को सुरक्षित पा रहा हो, मगर उसे भी जेल जाना होगा, क्योंकि उनके और व्यापम घोटाले के खिलाफ लड़ाई लड़ने वालों के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं।

ज्ञात हो कि लगभग ढाई वर्ष पूर्व जुलाई, 2013 में व्यापम घोटाले का खुलासा होने पर यह मामला एसटीएफ को सौंपा गया और फिर उच्च न्यायालय ने पूर्व न्यायाधीश चंद्रेश भूषण की अध्यक्षता में अप्रैल 2014 में एसआईटी बनाई, जिसकी देखरेख में एसटीएफ ने जांच की। नौ जुलाई 2015 को सर्वोच्च न्यायालय ने व्यापम की जांच सीबीआई को सौंपने के निर्देश दिए और उसके बाद सीबीआई ने जांच शुरू कर दी।

एसटीएफ ने व्यापम मामले में कुल 55 प्रकरण दर्ज किए गए थे और कुल 21 सौ आरोपियों की गिरफ्तारी की थी, जबकि 491 आरोपी फरार रहे। इस जांच के दौरान 48 लोगों की मौत हुई। एसटीएफ इस मामले के 12 सौ आरोपियों के चालान भी पेश कर चुकी है।

व्यापम से जुड़े 48 लोगों की मौत हुई है, उनमें छात्र, दलाल, फर्जी विद्यार्थी के तौर पर परीक्षा देने वाले और आरोपियों से जुड़े उनके परिजन शामिल हैं। ये मौतें जेल में और जेल के बाहर हुई हैं। इन मौतों में ‘आजतक’ के पत्रकार अक्षय सिंह और राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे शैलेश यादव की मौत खास चर्चा में रही।

जांच की जिम्मेदारी एसआईटी से लेकर सीबीआई को सौंपे जाने के बाद सीबीआई के पास 10 ट्रक से ज्यादा दस्तावेज पहुंचे हैं और इतने दस्तावेजों का अध्ययन करने में अरसा गुजर जाने की संभावना शुरू से जताई जा रही है। इतना ही नहीं, सीबीआई को अभियोजन के लिए अधिवक्ताओं की कमी से भी जूझना पड़ रहा है।

व्यापमं घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उनके परिवार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े लोगों के नाम भी चर्चाओं में रहे हैं। यह बात अलग है कि किसी पर कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। इसके अलावा सरकार के कई रसूखदारों से लेकर नौकरशाहों तक पर उंगली उठी है और सीबीआई ने कई से पूछताछ भी की है, मगर नई गिरफ्तारी कोई नहीं हुई।

यही कारण है कि सीबीआई जांच के तरीके पर भी लोग सवाल उठाने लगे हैं, क्योंकि एसटीएफ और एसआईटी जिस तरह से जांच कर रही थी, ठीक वैसी ही जांच सीबीआई की नजर आ रही है।

व्यापम घोटाले के मामले में बीते वर्ष की सबसे बड़ी सफलता जांच का सीबीआई के हाथ में पहुंचना माना जा सकता है तो यह साल उन लोगों के लिए भी अच्छा रहा जो अब तक जेल में थे। जो लोग अब भी जेल में हैं, उनके लिए नया साल कैसा होगा, यह तो वक्त ही बताएगा।

व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच, रसूखदारों को नहीं आंच (सिंहावलोकन-2015) Reviewed by on . भोपाल-मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच इस साल अन्वेषण जांच ब्यूरो (सीबीआई) के हाथों में पहुंचने के बाद उम्मीद जागी थी कि अब कोई आ भोपाल-मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच इस साल अन्वेषण जांच ब्यूरो (सीबीआई) के हाथों में पहुंचने के बाद उम्मीद जागी थी कि अब कोई आ Rating: 0
scroll to top