नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि सुस्त अर्थव्यवस्था में निवेश नहीं हो सकता है और समर्थ अर्थव्यवस्था और विकास से ही श्रमिकों का हित सुरक्षित रह सकता है।
मंत्री ने यहां 46वें भारतीय श्रमिक सम्मेलन में कहा, “उच्च विकास दर से हमेशा श्रमिकों के हितों की रक्षा होगी। यदि निवेश रुकेगा, तो आर्थिक गतिविधि रुकेगी और नौकरियों पर खतरा पैदा हो जाएगा।”
जेटली ने कहा कि सरकार श्रमिकों के लिए बेहतरीन सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठिन मेहनत कर रही है।
उन्होंने कहा, “सुस्त अर्थव्यवस्था में नौकरियों का सृजन नहीं हो सकता। भारी-भरकम कर वाली प्रणाली से नौकरियां पैदा नहीं होंगी।”
रविवार को श्रमिक नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेटली से मिले थे। उन्होंने श्रमिकों की विभिन्न समस्याओं पर बात की थी।
चाय पर हुई इस मुलाकात में ठेका मजदूर और न्यूनतम मजदूरी तथा विभिन्न श्रमिक कानूनों पर सरकार और श्रमिक संघों का मतभेद बरकरार रहा।
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के महासचिव और लोकसभा के पूर्व सदस्य गुरुदास दासगुप्ता ने बैठक के बाद कहा, “सरकार बिना श्रमिक संघों से बात किए श्रम कानून बदलना चाहती है। हमने बता दिया है कि यह हमें स्वीकार नहीं है।”
उन्होंने कहा, “हमने कहा है कि हम श्रम कानून बदलने के सरकार के इरादे के खिलाफ हैं। इससे श्रमिकों का हित प्रभावित होगा।”