नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। इसी वर्ष के आखिर में राष्ट्रीय राजधानी में होने वाले सलवान मैराथन के आयोजकों का कहना है कि इस बार स्पर्धा को पूरी तरह निष्पक्ष और साफ-सुथरा रखने पर जोर दिया जाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी के दिल्ली कैंट स्थित बरार चौक से शुरू होने वाले 21वें सलवान मैराथन का आयोजन का आयोजन छह नवंबर को होगा, जिसमें 800 स्कूलों के 40 हजार से अधिक एथलीटों के भाग लेने की संभावना है।
इनमें 2500 दृष्टिबाधित और 300 विकलांग एथलीट भी शिरकत करेंगे।
इस बार आयोजकों ने ‘क्लीन स्पोर्ट्स’ थीम के तहत चिप आधारित ट्रैकिंग सिस्टम, उम्र की पड़ताल और डोप परीक्षण को प्रतिभागियों के लिए अनिवार्य कर दिया है।
सलवान मैराथन की प्रवक्ता समरता दीवान ने कहा, “इस मैराथन की शुरुआत बच्चों में संघर्ष की भावना और दृढ़ इच्छाशक्ति विकसित करने के उद्देश्य से की गई थी। इसका उद्देश्य निचले स्तर पर खेलों को साफ सुथरा करना और सभी प्रतियोगियों को एक समान मंच उपलब्ध कराना है।”
आयोजकों की इच्छा मैराथन के विजेताओं को विदेशों में खेल अकादमियों में प्रशिक्षण की राह भी खोलना है।
मैराथन के हर वर्ग में शीर्ष 20 प्रतिभागियों के लिए डोप परीक्षण और उम्र की पड़ताल अनिवार्य की गई है।
दृष्टिबाधित और अलग तरह से शारीरिक रूप से सक्षम एथलीटों के लिए 4.5 किलोमीटर की रेस होगी। इसके अलावा स्कूली बच्चे अंडर-14 बालिका और बालक वर्ग में भी चार किलोमीटर की रेस होगी। अंडर-16 बालिका और बालक आयु वर्ग में छह किलोमीटर और अंडर-18 बालक और बालिका वर्ग में आठ किलोमीटर की रेस होगी।
समरता ने कहा, “हम चाहते हैं कि इस बार भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और भारतीय एथलेटिक्स महासंघ भी हमसे हाथ मिलाएं, जिससे यहां से निकलने वाली प्रतिभाओं को भविष्य के एथलीटों के रूप में तराशा जा सके।”
उन्होंने कहा, “पिछले 16 वर्षो से सलवान मैराथन के विजेता ग्रामीण इलाकों से आए रेसर ही रहे हैं। इसी को देखते हुए हम चाहते हैं कि इसे ग्रामीण इलाकों तक पहुंचाया जाए।”
विद्यार्थी और संस्थान रजिस्ट्रेशन के लिए 30 अक्टूबर से पहले वेबसाइट ‘डब्लूडब्लूडब्लू डॉट सलवान मैराथन डॉट कॉम’ पर लॉग ऑन कर सकते हैं।