इंदौर-प्रदेश के जंगल कत्था बनाने के काम आने वाले खैर की लकड़ी की तस्करी का बड़ा केंद्र बना है। बीते कुछ सालों में यहां से चार हजार ट्रक लकड़ियां तस्करों ने चुराई और विभिन्न फैक्टरियों को सप्लाय की है। यह खुलासा दो महीने तस्करों से पूछताछ के बाद हुआ है। जानकारी के मुताबिक कई राज्यों में खैर की लकड़ी के लिए तस्कर सक्रिय हैं। मामले में स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) बड़े रैकेट की पड़ताल में जुटी है, जिसमें तस्करों के तार हरियाणा के एक बड़े कारोबारी से जुड़े है। ये पान मसाला बनाने वाली कंपनी के लिए कत्था बनाकर सप्लाय करता है। उधर अब खैर बचाने में वन विभाग गंभीर हो चुका है।
कुछ सालों में खैर की तस्करी व अवैध व्यापार को लेकर प्रदेश में माफियाओं पर कार्रवाई चल रही है। वन विभाग और एसटीएसएफ दोनों अलग-अलग कार्रवाई करने में लगे है। छिंदवाडा, देवास, भोपाल, सतना, जबलपुर, ग्वालियर सहित कई वनक्षेत्र से खैर की लकड़ियां चोरी हो चुकी है। तीन साल में 80 से ज्यादा प्रकरण बनाए है, जिसमें 95 आरोपितों को पकड़ा गया है। अकेले एसटीएसएफ ने नवंबर 2018 से लेकर अभी तक पूरे प्रदेश में 50 से ज्यादा प्रकरण दर्ज किए गए हैं। 69 आरोपियों को अलग-अलग राज्यों से पकड़ा है, जिनसे 21 वाहन भी जप्त किए हैं। यहां तक कुछ वाहनों को राजसात करने की प्रक्रिया हो चुकी है। अभी तक 324 मैट्रिक टन खैर की लकड़ी जप्त की है। आरोपियों से पूछताछ में बीते तीन साल में प्रदेश के जंगल से खैर बड़ी मात्रा में चुराया गया है, जिसमें करीब चार हजार ट्रक लकड़ियां दूसरे राज्यों में भिजवाई है।
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