नई दिल्ली, 22 मई (आईएएनएस)। देश के सार्वजनिक ऋण में कमी दर्ज की गई है और यह वित्त वर्ष 2016-17 में 60.66 लाख करोड़ रुपये रही, जोकि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 1.9 फीसदी कम है। एक आधिकारिक बयान में सोमवार को यह जानकारी दी गई।
नई दिल्ली, 22 मई (आईएएनएस)। देश के सार्वजनिक ऋण में कमी दर्ज की गई है और यह वित्त वर्ष 2016-17 में 60.66 लाख करोड़ रुपये रही, जोकि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 1.9 फीसदी कम है। एक आधिकारिक बयान में सोमवार को यह जानकारी दी गई।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी ऋण प्रबंधन की तिमाही रिपोर्ट में बताया गया कि सरकारी ऋण (सार्वजनिक खातों के दायित्वों के बिना) साल 2016 के दिसंबर तक कुल 61.84 लाख करोड़ रुपये था।
वित्त वर्ष 2017 की चौथी तिमाही के दौरान सरकार ने 80,000 करोड़ रुपये मूल्य की दिनांकित प्रतिभूतियां जारी कीं, ताकि वित्त वर्ष 2017 के लिए 5,82,000 करोड़ रुपये (संशोधित अनुमान) की उसकी उधारियां पूरी की जा सकें।
बयान में बताया गया, “वित्त वर्ष 2017 के लिए सरकार की सकल एवं शुद्ध बाजार उधारी संबंधी आवश्यकताओं को संशोधन के बाद कम करके क्रमश: 5,82,000 करोड़ एवं 4,06,708 करोड़ रुपये कर दिया गया, जो वित्त वर्ष 2016 के मुकाबले क्रमश: 0.52 फीसदी तथा 8.34 फीसदी कम है। वित्त वर्ष 2016 में ये क्रमश: 5,85,000 करोड़ और 4,40,625 करोड़ रुपये थे।”
वित्त वर्ष 2017 की चौथी तिमाही के दौरान सरकारी दिनांकित प्रतिभूतियों और ट्रेजरी बिलों दोनों की ही नीलामियां सहजता के साथ संपन्न हुईं।
केंद्र सरकार के सार्वजनिक ऋण (सार्वजनिक खाते के तहत देनदारियों को छोड़कर) में वित्त वर्ष 2017 की चौथी तिमाही के दौरान तिमाही आधार पर अनंतिम रूप से 1.9 फीसदी की कमी दर्ज की गई।
रिपोर्ट में बताया गया कि आंतरिक कर्ज 2017 के मार्च के आखिर में सार्वजनिक ऋण का 92.6 फीसदी था, जबकि विपणन योग्य प्रतिभूतियां सार्वजनिक ऋण का 83.2 फीसदी आंकी गईं।
वित्त वर्ष 2017 की चौथी तिमाही के दौरान संपूर्ण आधार पर सरकारी प्रतिभूतियों का कुल कारोबार पिछली तिमाही की तुलना में 39.32 फीसदी घट गया।