भोपाल(अनिल सिंह)– पूरा मप्र सिंहस्थ पर्व की तैयारियों में जुटा है.शासन,स्वयंसेवी संस्थाएं,व्यक्तिगत रूप से लोग सिंहस्थ को सफल करने में प्रयासरत हैं लेकिन मप्र में सबसे अधिक समय तक सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के मुख्यालय में किसी जवाबदार पदाधिकारी को यह नहीं पता की सिंहस्थ में उसका योगदान क्या है.जब हमने प्रवक्ताओं के के मिश्रा एवं विभा पटेल से इस सम्बन्ध में प्रश्न किया तो उन्होंने पहले तो टालते हुए जवाब दिया की हमारी स्थानीय इकाई कार्य कर रही है लेकिन कौन कर रहा है,क्या कर रहा है पूछने पर उन्होंने कहा की उन्हें नहीं पता की क्या किया जाएगा.मिश्रा ने कहा की उन्हें पता ही नहीं की क्या कार्यक्रम है या नहीं.
प्रवक्ताओं की इस मुश्किल को हमने आसान किया और पता लगाया तो कांग्रेस की स्थानीय इकाई भी इस संबंद्ध में अनजान है.कांग्रेस सेवा -दल पहले इस तरह के कार्य में हिस्सा लेता था लेकिन वह भी निष्क्रिय है.
मप्र का एक महत्वपूर्ण राजनैतिक दल होते हुए भी कांग्रेस की सिंहस्थ से बेरुखी उसके निष्क्रिय होने का प्रमाण है.कांग्रेस के अलावा बसपा,सपा,कम्युनिस्ट पार्टियाँ भी इस और अनदेखा कर रही हैं.
जब तक कांग्रेस प्रवक्ता इस प्रश्न की गंभीरता को समझते देर हो चुकी थी बाद में के के मिश्रा ने प्रवचन पूर्ण एक बयान दिया लेकिन उसकी उपयोगिता नहीं प्रतीत हुई.
उन्होंने कहा,
धर्म एवं राजनीति अलग विषय हैं.धर्म धारण करने के लिए होता है,प्रदर्शन के लिए नहीं.धर्म के घोड़े पर राजनीति सवार हुई तो राजनीति का कुछ नहीं होगा लेकिन धर्म बदनाम हो जाएगा.इसलिए राजनैतिक दलों को आचरण धर्म अनुसार करना चाहिए ना की राजनीति अनुसार धर्म व्यवस्था.(के के मिश्रा)
खैर उनके इस अजीबो-गरीब प्रवचन को सुन हम यह सोचते वापस आ गए की जो पार्टी अपने गौरवशाली इतिहास को अपने कार्यकर्ताओं को परिचित करवाने में लगी है वह सनातन के इस महत्वपूर्ण आयोजन के प्रति बेरुखी अपनाए है.हाँ सत्ता में होती तो इसके नेता रोज भस्मारती में शामिल होते लेकिन आज इन्हें इस पर्व की सुध ही नहीं.