सूडान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अली अल-सादिक ने संवाददाताओं से कहा, “बयान में विद्रोही आंदोलन व गुटों की निंदा की जानी चाहिए थी, जिन्होंने दारफूर संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए राष्ट्रीय व क्षेत्रीय पहल को खारिज कर दिया था।”
उन्होंने कहा कि हालिया घटना में विस्थापित होने वाले अधिकांश लोग लड़ाई बंद होने के बाद अपने गृह क्षेत्रों में वापस लौट आए हैं और सूडान सरकार ने उन्हें मानवीय सहायता की पेशकश की है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून तथा अफ्रीकी संघ आयोग के अध्यक्ष निकोसाजाना दलामिनी-जुमा ने पिछले सप्ताह जेबेल मार्रा में भड़की हिंसा व उससे नागरिकों पर पड़ने वाले प्रभाव पर चिंता जताई थी।
उन्होंने सभी पक्षों से शत्रुता बंद करने व संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए गंभीरतापूर्वक समझौते की अपील की थी।