चेन्नई, 31 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) शेयर बाजार में सूचीबद्ध ऐसी कंपनियों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है, जिनके बोर्ड में एक भी महिला निदेशक नहीं है। खास बात यह है कि खुद सेबी इस मानदंड पर खरा नहीं उतरता है।
कंपनी कानून के मुताबिक, हर सूचीबद्ध कंपनी या 100 करोड़ रुपये या अधिक की चुकता पूंजी या 300 करोड़ रुपये या अधिक की सालाना आय वाली प्रत्येक सार्वजनिक कंपनी में 31 मार्च, 2015 तक उनके बोर्ड में कम से कम एक महिला होनी चाहिए।
सेबी में हालांकि एक भी महिला सदस्य नहीं है।
सेबी अध्यक्ष यूके सिन्हा ने कुछ दिन पहले मुंबई में संवाददाताओं से कहा था कि यह शर्मनाक है कि सूचीबद्ध कंपनियां अपने बोर्ड के लिए एक योग्य महिला को भी नहीं चुन पाई हैं और समिति नियम का पालन नहीं करने वाली कंपनियों के साथ सख्ती बरतेगा।
उन्होंने प्रमोटर की हिस्सेदारी 25 फीसदी कम करने के नियम का पालन नहीं करने वाली सूचीबद्ध कंपनियों पर सेबी की कार्रवाई का उदाहरण दिया।
सर्वोच्च न्यायालय के वकील डी. वरदराजन ने हालांकि आईएएनएस से कहा, “सेबी अधिनियम में महिला के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं है।”
बीमा और कंपनी कानून की विशेषज्ञता रखने वाले वकील ने कहा, “अधिनियम में सिर्फ सदस्यों का प्रावधान है।”