Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 सौर गठबंधन की सफलता के लिए राजनीतिक, वित्तीय सहयोग जरूरी | dharmpath.com

Monday , 5 May 2025

Home » व्यापार » सौर गठबंधन की सफलता के लिए राजनीतिक, वित्तीय सहयोग जरूरी

सौर गठबंधन की सफलता के लिए राजनीतिक, वित्तीय सहयोग जरूरी

नई दिल्ली, 6 दिसम्बर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन प्रारूप संकल्प के तहत वार्ताकार पक्षों का सम्मेलन जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर दुनिया का सबसे शक्तिशाली मंच है। पेरिस में इन दिनों इस मंच का 21वां शिखर सम्मेलन जारी है।

नई दिल्ली, 6 दिसम्बर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन प्रारूप संकल्प के तहत वार्ताकार पक्षों का सम्मेलन जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर दुनिया का सबसे शक्तिशाली मंच है। पेरिस में इन दिनों इस मंच का 21वां शिखर सम्मेलन जारी है।

आज विकास कर रहा हर शहर अधिकाधिक ऊर्जा की खपत कर रहा है और जलवायु पविर्तन की गंभीरता को बढ़ा रहा है। इस बात से भी हालांकि इंकार नहीं किया जा सकता कि ऊर्जा एक अनिवार्य जरूरत है। ऐसी स्थिति में कुछ बदलाव करने की निश्चित रूप से जरूरत है।

जब तक हम संसाधनों के उपयोग की स्मार्ट रणनीति नहीं तैयार करते तब तक हम स्मार्ट शहर का विकास नहीं कर सकते हैं।

इस स्थिति में नवीकरणीय ऊर्जा एक वरदान है, जिसका समुचित दोहन होना चाहिए। भारत के पास सौर और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में अकूत संभावना है।

भारत ने 2022 तक 175 गीगाबाइट अतिरिक्त नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है।

30 नवंबर को पेरिस सम्मेलन की शुरुआत के मौके पर खुद प्रधानमंत्री ने 120 देशों के महा सौर गठबंधन के लांच के दौरान इसका जिक्र किया था।

यदि हमें पर्यावरण के लिए सुरक्षित ऊर्जा की जरूरत है तो जीवाश्म ईंधन से सौर ऊर्जा की तरफ बढ़ना होगा।

देश की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 2011 में सिर्फ 20 मेगावाट थी, जो मार्च 2015 में बढ़कर 3.74 मेगावाट हो गई।

देश में करीब 300 दिन धूप खिली रहती है। भारत हर साल करीब 50 लाख अरब किलोवाट सौर ऊर्जा पैदा कर सकता है।

देश में सौर सचिवालय की स्थापना के लिए तीन करोड़ डॉलर का शुरुआती निवेश इस लक्ष्य की दिशा में मील का पत्थर है।

सौर बाजार का विस्तार कर हम लागत घटाते हैं और मांग बढ़ाते हैं और इस तरह बदलाव लाते हैं। इससे गांव-गांव में बिजली पहुंच सकती है। इससे रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे।

इस लक्ष्य को पूरा करने के रास्ते में हालांकि अनेक चुनौतियां हैं। हमें निम्निलिखित चुनौतियों पर भी ध्यान देना होगा।

– छोटे उद्यमियों द्वारा रूप टॉप सौर पैनल से बनाई गई बिजली की बिक्री पर लगने वाले सेवा कर को सेवा कर की नकारात्मक सूची में शामिल नहीं किया गया है।

– सिर्फ नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी और वितरकों को सेवा कर से छूट दी गई है।

– घरों के लिए लगाए जाने वाले पैनल की लागत अधिक है।

– 2011 के बाद से फोटोवोल्टेइक या सोलर मोड्यूल की कीमत घटकर आधी रह गई है, लेकिन इसे इंस्टॉल करने की कीमत काफी अधिक है।

-सौर परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता की कमी।

गठबंधन की सफलता के लिए इन मुद्दों का निराकरण जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ ऊर्जा के हिमायती हैं और गुजरात में 900 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पादन सुविधा स्थापित करने का उनका प्रयास सराहनीय है।

महागठबंधन का उनका प्रस्ताव उम्मीद की नई किरण है। इसके साथ ही पारंपरिक इनकैंडिसेंट बल्ब और कंपैक्ट फ्लोरीसेंट लैंप के उत्पादन पर भी रोक लगाई जानी चाहिए और एलईडी आधारित प्रणालियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

इससे पेरिस सम्मेलन में घोषित देश में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का अनुपात बढ़ाकर 40 फीसदी करने का लक्ष्य पूरा करने में मदद मिलेगी।

सौर गठबंधन की सफलता के लिए राजनीतिक, वित्तीय सहयोग जरूरी Reviewed by on . नई दिल्ली, 6 दिसम्बर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन प्रारूप संकल्प के तहत वार्ताकार पक्षों का सम्मेलन जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर दुनिया का सबसे शक नई दिल्ली, 6 दिसम्बर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन प्रारूप संकल्प के तहत वार्ताकार पक्षों का सम्मेलन जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर दुनिया का सबसे शक Rating:
scroll to top