नई दिल्ली- देश में स्वच्छता और कचरा प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री के मिशन के अनुरूप, केंद्रीय इस्पात, खान, श्रम एवं रोजगार मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को स्वच्छ विद्यालय अभियान के लिए 100 करोड़ रुपये निर्धारित करने की घोषणा की। स्वच्छ विद्यालय अभियान कोष इस्पात मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों-सेल, एनडीएमसी, आरआइएनएल, एमओआइएल, एमइसीओएन, एमएसटीसी, केआइओसीएल और एफएसएनएल का होगा।
स्वच्छ भारत-स्वच्छ विद्यालय अभियान में प्रगति का आकलन करने के लिए उद्योग भवन में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के सीएमडी के साथ समीक्षा बैठक में तोमर ने इस बात पर बल दिया कि साफ-सफाई को जीवन शैली के रूप में अपनाना चाहिए। इसलिए स्वच्छता को एकबारगी गतिविधि के रूप में नहीं बल्कि वर्ष भर चलने वाली प्रक्रिया के रूप में लेना चाहिए। इस बैठक में इस्पात मंत्रालय में सचिव राकेश सिंह, सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात उपक्रमों के सीएमडी और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
तोमर ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से आग्रह किया कि वे गांवों को अपनाएं तथा अनुकरण के रूप में सेवा करते हुए स्वच्छता एवं साफ-सफाई वाले आदर्श गांव के रूप में विकसित करें। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से अच्छी क्वालिटी और किफायती शौचालय बनाने की व्यवस्था विकसित करें और ऐसे शौचालयों के नियमित रखरखाव के लिए विद्यालय समुदायों और पंचायत प्रतिनिधियों जैसे स्थानीय नागरिकों को शामिल करें।
मंत्री ने दूरदराज के क्षेत्रों में शौचालयों में उपयोग के लिए ओवरहैड टैंक में पानी के भंडार के लिए सौर ऊर्जा के उपयोग पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि शौचालयों के रखरखाव के लिए स्थानीय संगठनों एवं स्वयं सेवी संगठनों के नाम की पहचान करने और उनके नाम को अंतिम रूप देते समय जिला स्तर पर अधिकारियों को भागीदार बनाना चाहिए। इस परियोजना के लिए देश भर के विभिन्न राज्यों में करीब 3,000 विद्यालय चुने गए हैं।
इस्पात मंत्रालय के मुताबिक इस्पात मंत्रालय स्वच्छ विद्यालय अभियान को सफल बनाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के साथ काम कर रहा है। स्वच्छ भारत अभियान 25 सितंबर से आरंभ हो रहा है और 2 अक्तूबर को राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि के रूप में इस मिशन के लिए इस्पात मंत्रालय और संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में प्रण लिया जाएगा। मंत्रालय के कर्मचारी और अधिकारी इस मिशन के लिए अपनी प्रतिबद्धता दुहराने के लिए एक घंटे का श्रमदान करेंगे।