श्रीनगर, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के एक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) को हंदवाड़ा में कानून-व्यवस्था सही नहीं रख पाने को लेकर निलंबित कर दिया गया है। मंगलवार को हंदवाड़ा में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई थी।
उत्तरी कश्मीर के आरक्षी उपमहानिरीक्षक(डीआईजी) उत्तम चंद ने संवाददाताओं को बताया कि कानून-व्यवस्था खराब होने देने को लेकर एएसआई को निलंबित कर दिया गया है। उसके खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मंगलवार को हंदवाड़ा शहर में हुई गोलीबारी की घटना की दंडाधिकारी से जांच कराने का आदेश दिया है।
इस बीच एक स्वतंत्र विधायक इंजीनियर राशिद ने कहा कि एएसआई मुहम्मद रफीक पर मारे गए युवकों में से एक के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि उसी ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलानी शुरू की।
राशिद ने आईएएनएस को बताया कि कानून-व्यवस्था की समस्या से खराब ढंग से निपटने और प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के मामले में भी एएसआई को निलंबित किया गया है।
उन्होंने कहा कि गोलीबारी में मरे नईम बट और एक महिला राजा बेगम को दफना दिया गया है।
उन्होंने कहा, “मारे गए युवक के रिश्तेदारों ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का मुहम्मद रफीक नाम के जिस एएसआई पर आरोप लगाया है उसे निलंबित करने पर प्रशासन भी तैयार हो गया।”
प्रशासन इस बात पर भी सहमत हुआ कि हंदवाड़ा शहर से एक माह के अंदर सेना के बंकर हटा लिए जाएंगे।
इंजीनियर राशिद ने आईएएनएस को बताया, “हमलोगों के साथ जो करार पर हस्ताक्षर हुआ है उसके अनुसार, प्रशासन हंदवाड़ा शहर में मंगलवार को प्रदर्शन करने वाले किसी भी युवक के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं करेगा। इसके साथ ही मारे गए लोगों के नजदीकी रिश्तेदारों को तत्काल पर्याप्त मुआवजा दिया जाएगा।”
स्थानीय लोगों ने एक सैनिक पर एक स्कूली लड़की से छेड़खानी करने का आरोप लगाया। इसके विरोध में हंदवाड़ा शहर में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सुरक्षा बलों ने गोली चलाई जिसमें दो युवक और एक महिला की मौत हो गई।
आरोप है कि हिंदवाड़ा शहर में बैरक में बैठे जवानों ने बंकर के अंदर से गोली चलाई। इससे पहले बंकर को चारों ओर से घेरे प्रदर्शनकारियों ने बंकर में आग लगाने की कोशिश की थी।
सेना ने हंदवाड़ा की घटना में जान जाने पर खेद जताया है। साथ ही वादा किया है कि इस गोलीबारी में शामिल जवानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि स्थानीय पुलिस के समक्ष उस स्कूली छात्रा ने जो बयान दिया है, उससे साबित हो गया है कि किसी भी सैनिक ने उससे छेड़खानी करने की कोशिश नहीं की थी।
प्रवक्ता ने यह भी कहा कि छेड़खानी के आरोप सेना की स्वच्छ छवि को धूमिल करने के लिए लगाए गए थे।
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हंदवाड़ा शहर में मंगलवार शाम कर्फ्यू लागू कर दिया गया था। श्रीनगर के भी छह पुलिस थानों के इलाकों में प्रतिबंध लगाए गए थे।