नई दिल्ली, 6 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) निर्मला सीतारमन ने बुधवार को कहा कि हनोवर मेसे 2015 के दौरान जर्मनी और भारतीय उद्योगों के बीच कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
सीतारमन ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, “इन समझौता ज्ञापनों से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रवाह बढ़ेगा, नई प्रौद्योगिकी का सृजन होगा, निर्माण क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी, और देश में रोजगार के अवसर सृजित होने के साथ अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी।”
इनमें से कुछ समझौता ज्ञापन निम्नलिखित हैं-
– कंट्रोल वाल्वस के उत्पादन के लिए इंस्ट्रमेंटेशन लिमिटेड के साथ केई केउर इंजीनियरिंग, जर्मनी का।
– सौर ऊर्जा प्रणाली आईएसई के लिए फ्राउनहोफर इंस्टीट्यूट के साथ विक्रम सोलर का।
– फ्लो फॉर्मिग मशीनों पर सहयोग के लिए हिंदुस्तान मशीन टूल्स (एचएमटी) के साथ एफटी मशीन टूल्स, जर्मनी का।
– कुल इंजीनियरिंग समाधान के लिए एचएमटी के साथ ईनिट गम्बएच, जर्मनी का।
– भारत में 12,500 मेगावाट सौर तथा 4,000 मेगावाट पवन ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए विंड एंड सन टेक्नोलॉजी ग्रुप/फीकोन गम्बएच के साथ एस्सल ग्रुप का।
– जल और वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट परियोजनाओं के लिए एस्सल ग्रुप के साथ पसावंत एनर्जी एंड एनवायरमेंट (पीईएंडई) का।
– ऊर्जा, जल, स्चच्छता, बुनियादी ढांचा, आईटी और इसे लागू करने पर परामर्श के क्षेत्र में व्यापक इंजीनियरिंग और परामर्श सेवाएं देने के लिए फिच्नर गम्बएच एंड कंपनी के साथ एस्सल ग्रुप का।
– एस्सल ग्रुप के लिए ऊर्जा नेटवर्कों के जोड़ने में सहायता करने के लिए स्मार्ट ग्रिड-प्लेटफॉर्म बेडन-व्यूटमबर्ग के साथ एस्सल ग्रुप का।