कोलकाता, 1 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने यहां शुक्रवार को मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को ‘ऊर्जावान’ व ‘जुझारू’ नेता करार दिया और स्वयं को ‘भाजपा का सशक्त’ कार्यकर्ता बताया।
कोलकाता, 1 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने यहां शुक्रवार को मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को ‘ऊर्जावान’ व ‘जुझारू’ नेता करार दिया और स्वयं को ‘भाजपा का सशक्त’ कार्यकर्ता बताया।
उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में पश्चिम बंगाल में उनकी पार्टी सत्ता में आएगी।
हर्षवर्धन ने मीडिया से कहा, “मैं भाजपा का सशक्त कार्यकर्ता हूं और हमेशा रहना चाहूंगा, हजार बार रहना चाहूंगा।.. यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मौका मिलना चाहिए और मुझे पक्का उम्मीद है कि एक दिन ऐसा ही होगा। ऐसा कब होगा यह तो नहीं जानता, लेकिन हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द ऐसा हो।”
इंडियन एसोसिएशन फॉर कल्टीवेशन ऑफ साइंस (आईएसीएस) में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को ऊर्जावान और जुझारू नेता बताया।
उन्होंने कहा, “ममता जी के बारे में समूचा देश जानता है कि वह कितनी जुझारू हैं और कितने संघर्ष की बदौलत उन्होंने अपना यह मुकाम हासिल किया है। उनमें कुछ खूबियां हैं, जिनकी प्रशंसा की जानी चाहिए। हर बात को राजनीति के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।”
हर्षवर्धन ने कहा, “आखिरकार हम सभी जनता के लिए काम कर रहे हैं, यह सच है कि हम विभिन्न पार्टियों से जुड़े हैं, लेकिन हमें लक्ष्मण रेखा (सीमाएं) पार नहीं करनी चाहिए।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोलकाता प्रवास के दौरान वह मुख्यमंत्री से सौजन्य मुलाकात करेंगे।
उन्होंने स्पष्ट किया, “ममता से मुलाकात में राजनीति नहीं है। मुलाकात का मकसद उन्हें बधाई देना नहीं है। उन्होंने सफलतापूर्वक कुछ अच्छे काम किए हैं और यदि मुलाकात के दौरान उन्हें बधाई देता हूं तो यह कौन सा अजूबा है।”
हर्षवर्धन ने कहा कि वह मुख्यमंत्री के समक्ष आईएसीएस परिसर के विस्तार के लिए 30 एकड़ का भूखंड बरुईपुर में आवंटित किए जाने जैसे मुद्दे उठाएंगे।
आईएसीएस सूत्रों के अनुसार, बरुईपुर में स्थित भूखंड का विकास शुल्क 30-31 करोड़ रुपये है, मगर संस्थान राज्य सरकार को 14 करोड़ रुपये ही दे रहा है। संस्थान का प्रशासन चाहता है कि बाकी 16 करोड़ रुपये या तो माफ कर दिए जाएं या यह खर्च केंद्र सरकार वहन करे।