मुंबई, 11 फरवरी (आईएएनएस)। देश के सबसे बड़े बैंक-भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जून 2007 में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली के मुम्बई में एक बिजनेस अकाउंट खोलने के आवेदन को रद्द कर दिया था।
हेडली ने यह खुलासा बीते तीन दिनों से जारी वीडियो कांफ्रेंसिंग गवाही के दौरान गुरुवार को मुंबई की एक विशेष अदालत के समक्ष किया।
उसने बताया कि उसे एलईटी और पाकिस्तान के आईएसआई दोनों से भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए पैसे मिले थे। इस पैसे का इस्तेमाल उसने भारत में अपने लिए काम-धंधा शुरू करने और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने में किया।
हेडली ने कहा कि इस पैसे से उसने दक्षिण मुंबई के ताड़देव इलाके में एक ऑफिस खोला और 12 अक्टूबर, 2006 में एक बिजनेस खाता खुलवाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक में आवेदन भी किया।
शिकागो में रहने वाले उसके वीजा सलाहकार रेमंड सैंर्ड्स ने आरबीआई में खाता खोलने से संबंधी औपचारिकताओं में उसकी मदद की, लेकिन आरबीआई ने एक जून, 2007 को उसका आवेदन निरस्त कर दिया।
हेडली ने भारत में कारोबार शुरू करने की उम्मीद से जनवरी, 2007 में मुंबई के ताड़देव ए/सी मार्केट में किराए पर एक ऑफिस लिया और मकान मालिक के नाम के तौर पर वोरा व मारू भरूचा का नाम लिखा, जो कि ऑफिस में उसके सेकेट्री थे। ऑफिस का प्रतिमाह का किराया 13,500 रुपये था।
हेडली ने यह काम सिर्फ इसलिए किया क्योंकि उसके आका काफी पहले से चाहते थे कि वह भारत में एक व्यवसाय की शुरुआत करे।