काठमांडू, 19 मई (आईएएनएस)। भूकंप की त्रासदी झेल रहे नेपाल में पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिए मदद जुटाने के उद्देश्य से हॉलीवुड अभिनेत्री मिशेल योह को जोड़ने के बाद बहुप्रशंसित बौद्ध नेता ग्यालवांग द्रुक्पा अन्य हॉलीवुड हस्तियों और फिल्म कलाकारों से भी मदद मिलने को लेकर आशावान हैं।
काठमांडू, 19 मई (आईएएनएस)। भूकंप की त्रासदी झेल रहे नेपाल में पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिए मदद जुटाने के उद्देश्य से हॉलीवुड अभिनेत्री मिशेल योह को जोड़ने के बाद बहुप्रशंसित बौद्ध नेता ग्यालवांग द्रुक्पा अन्य हॉलीवुड हस्तियों और फिल्म कलाकारों से भी मदद मिलने को लेकर आशावान हैं।
हिमालय की गोद में स्थित 800 साल पुराने द्रुक्पा समाज के आध्यात्मिक गुरु हॉलीवुड हस्तियों से नेपाल की सहायता के लिए हाथ मिला रहे हैं। इस सूची में अकादमी पुरस्कार विजेता सुसान सैरैनडन, स्टीवन सीगल और भारतीय फिल्म हस्ती आमिर खान का नाम शामिल है। द्रुक्पा समाज के लगभग 1,000 भिक्षु केंद्र हैं।
ग्यालवांग द्रुक्पा ने आईएएनएस के संवाददाता को बताया, “मैं सुसान सैरेंडन, स्टीवन सीगल और आमिर खान जैसी हस्तियों के संपर्क में हूं और वे हमारे एनजीओ लिव टू लव इंटरनेशनल के नेपाल में दीर्घकालिक पुनर्निर्माण कार्यक्रम से निश्चित तौर पर जुड़ेंगे।”
प्राकृतिक आपदा को प्रकृति की चेतावनी बताते हुए अक्सर यात्रा करने वाले आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि नेपाल के लिए और अधिक सहायता जुटाने के मकसद से वह इस सप्ताह अमेरिका, भारत और जेनेवा का दौरा करेंगे। ग्यालवांग को लैंगिक समानता को बढ़ावा देने वाले और सक्रिय पर्यावरणविद के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने कहा, “जिस दौरान भूकंप आया उस समय तेज बारिश हो रही थी और चारों तरफ अंधेरा था। यह दर्दनाक तो था, लेकिन यह पूरी दुनिया के लिए चेतावनी भी थी।”
नेपाल, भूटान और भारत में सक्रिय रहने वाले ग्यालवांग ने कहा, “इस आपदा के बाद हम असुरक्षित इमारतों का निर्माण नहीं कर सकेंगे और न ही पारिस्थितिक रूप से प्रतिकूल माहौल में रह सकेंगे।”
‘लिव टू लव’ फाउंडेशन ने रविवार को भूकंप प्रभावित रामकोट और थापल गांव को गोद लिया। ये गांव द्रुक्पा समाज द्वारा संचालित द्रुक अमिताभ पर्वतीय आश्रम के करीब स्थित हैं। आश्रम में भी काफी नुकसान हुआ है।
‘लिव टू लव’ की ब्रांड ऐम्बेसडर मिशेल योह राहत अभियान में शामिल होने के लिए पिछले सप्ताह यहां आई थीं।
शुरुआती सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस आपदा में 10 लाख से अधिक इमारतें पूर्ण रूप से अथवा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुई हैं। इस आपदा में पांच से 10 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।
आध्यात्मिक नेता ने कहा कि गोद लिए गए गांवों में सामुदायिक हॉल स्थापित किए जाएंगे। इन गांवों की जनसंख्या 1,000 से अधिक है और यहां पर 85 फीसदी घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।
उन्होंने कहा, “प्राथमिक रूप से हमारी योजना नुवांकोट, रासुवा, सिंधुपालचौक और रामेछाप जिलों में आठ सामुदायिक हॉल बनाने की है, ताकि मानसून के पहले 2,000 से अधिक लोगों को आश्रय उपलब्ध हो सके। गोद लिए गए गांवों में भूकंप रोधी मकानों के लिए नक्शा बनाने की भी योजना पर विचार किया जा रहा है।”
द्रुक्पा ने कहा, “लिव ऑफ लव फाउंडेशन बेहद नया है, लेकिन इसकी मनोवृत्ति बहुत पुरानी है।”