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 रियो की सफलता के बाद प्रसून ने ‘बेटियों’ को समर्पित की कविता | dharmpath.com

Sunday , 25 May 2025

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रियो की सफलता के बाद प्रसून ने ‘बेटियों’ को समर्पित की कविता

नई दिल्ली, 29 अगस्त (आईएएनएस)। रियो ओलम्पिक में बेटियों ने भारत की लाज रखी। बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने जहां रजत पदक जीता वहीं कुश्ती में साक्षी मलिक ने कांस्य जीता। इसके अलावा जिमनास्टिक में दीपा करमाकर बहुत कम अंतर से पदक से चूकीं।

इसी को ध्यान में रखते हुए बॉलीवुड के प्रख्यात गीतकार प्रसून जोशी ने अपनी एक कविता बेटियों को समर्पित की है। अपनी इस कविता, जिसका शीर्षक- ‘शर्म आ रही है ना’ है, के माध्यम से प्रसून ने कन्या भ्रूण हत्या जैसी शर्मनाक घटनाओं को रोकने और बेटियों को समाज में बराबर हक देने की अपील की है और साथ ही बेटियों को लेकर रूढ़ीवादी सोच रखने वाले समाज पर तंज कसा है।

प्रसून की इस कविता को बॉलीवुड के कई दिग्गजों ने सराहा है। अपनी इस कविता के माध्यम से प्रसून ने उस समाज पर गहरा कुठाराघात किया है, जो बेटियों के जन्म पर खुशी नहीं मनाता और बेटियों को हमेशा बंद दरवाजों में रखने की वकालत करता है।

प्रसून ने इससे आगे बढ़कर उस समाज और फिल्मनगरी को भी आड़े हाथों लिया है, जिसने बेटियों (महिलाओं) को ‘शरीर’ से अधिक कुछ नहीं समझा। उनकी कविता की पंक्ति कहती है-“शर्म आ रही है ना, उन शब्दों को, उन गीतों को, जिन्होंने उसे कभी, शरीर से ज्यादा नहीं समझा।”

अपनी कविता की अगली पंक्तियों में प्रसून राजनीति और धर्म को भी आड़े हाथों लिया, जिसने बेटियों को बार-बार शर्मसार करने का काम किया। साथ ही प्रसून ने हर उस ख्याल को आड़े हाथों लिया, जिसने बेटियों को आगे बढ़ने से रोका है।

उनकी कविता कहती है-“शर्म आनी चाहिए ,ऐसे हर खयाल को , जिसने उसे रोका था , आसमान की तरफ देखने से, शर्म आनी चाहिए , शायद हम सबको , क्योंकि जब मुट्ठी में सूरज लिए, नन्ही सी बिटिया , सामने खड़ी थी, तब हम उसकी उँगलियों से छलकती रोशनी नहीं, उसका लड़की होना देख रहे थे”

अंत में प्रसून ने बड़े संजीदा अंदाज में बेटियों की विजय का जश्न मनाया और समाज को ऐसा आइना दिखाया, जिस पर समाज के ठेकेदार पछताने के अलावा कुछ नहीं कर सकते।

प्रसून लिखते हैं-“उसकी मुट्ठी में था आने वाला कल, और सब देख रहे थे मटमैला आज, पर सूरज को तो धूप खिलाना था, बेटी को तो सवेरा लाना था और सुबह हो कर रही।”

रियो की सफलता के बाद प्रसून ने ‘बेटियों’ को समर्पित की कविता Reviewed by on . नई दिल्ली, 29 अगस्त (आईएएनएस)। रियो ओलम्पिक में बेटियों ने भारत की लाज रखी। बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने जहां रजत पदक जीता वहीं कुश्ती में साक्षी मलिक ने कांस्य ज नई दिल्ली, 29 अगस्त (आईएएनएस)। रियो ओलम्पिक में बेटियों ने भारत की लाज रखी। बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने जहां रजत पदक जीता वहीं कुश्ती में साक्षी मलिक ने कांस्य ज Rating:
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