वाराणसी, 19 सितम्बर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट वाराणसी को एक ओर स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद चल रही है तो दूसरी ओर शहर के आवारा पशु इसमें बड़ा रोड़ा साबित हो रहे हैं। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि सड़कों व घाटों पर स्वच्छंद घूमते पशुओं के मालिकों पर अब एफआईआर दर्ज कराई जाएगी, जिसके तहत तीन साल की सजा भी हो सकती है।
बनारस में सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए नगर निगम की तरफ से अभियान चलाया जाता है। इन पशुओं को भोजूबीर और नक्खीघाट पर बने कांजी हाउस ले जाया जाता है। वहां से पशु मालिक 350 रुपये जुर्माना देकर पशुओं को छुड़ाकर ले जाते हैं। इसके बाद फिर वही स्थिति होती है, पशु सड़क पर निकलने लगते हैं।
नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. असलम अंसारी ने बताया कि भोजूबीर और नक्खीघाट कांजीहाउस में 15 से 20 पशु ही रखे जा सकते हैं। पिछले दो महीने में 300 पशु मालिकों का चालान किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि कांजी हाउस में इन पशुओं की पूरी देखभाल की जाती है, ताकि किसी को कोई शिकायत न हो। अब नगर निगम प्रशासन सड़क पर पशु छोड़ने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगा।
पशु चिकित्साधिकारियों के अनुसार, शहर के बाहर ऐसे पशुओं को रखने के लिए कान्हा उपवन बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए जमीन देखी जा रही है। महापौर रामगोपाल मोहले ने इसके लिए पिछले दिनों तत्कालीन पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर को पत्र भी लिखा था। हालांकि अब तक केंद्र सरकार से इस पर कोई सहमति नहीं मिली है।