नई दिल्ली, 23 सितम्बर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव और बाहुबली राजनेता मोहम्मद शहाबुद्दीन से जवाब मांगा है कि पत्रकार राजदेव रंजन के हत्या आरोपी को पनाह देने के लिए उनके खिलाफ एक प्राथमिकी क्यों न दर्ज की जाए।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति सी. नागप्पन की खंडपीठ ने इस पर लालू प्रसाद के बेट तेज प्रताप यादव से जवाब मांगा है। न्यायालय ने दिवंगत पत्रकार की विधवा आशा रंजन की याचिका पर यह जवाब मांगा। आशा रंजन ने इन दोनों पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है।
खंडपीठ ने बिहार पुलिस से आशा रंजन और उनके परिवार को सुरक्षा देने और मामले की जांच कर रही सीबीआई से 17 अक्टूबर को जांच पर स्थिति रपट दाखिल करने को कहा।
आशा रंजन की मामले की सुनवाई बिहार से दिल्ली स्थानांतरित किए जाने की याचिका पर खंडपीठ ने बिहार सरकार को नोटिस जारी कर इस पर जवाब मांगा है।
आशा रंजन ने राज्य सरकार से मुआवजे की भी मांग की है।
राजदेव रंजन के हत्यारोपी को शहाबुद्दीन का करीबी बताया जा रहा है।