पणजी, 23 सितम्बर (आईएएनएस)। गोवा की एक निचली अदालत ने 15 वर्षीय ब्रिटिश किशोरी स्कारलेट कीलिंग के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले के दो आरोपियों को बरी कर दिया है। दोनों आरोपी समुद्र तट स्थित पर्यटक अतिथि गृह के कर्मचारी हैं। यह घटना गोवा तट पर साल 2008 में हुई थी।
पणजी, 23 सितम्बर (आईएएनएस)। गोवा की एक निचली अदालत ने 15 वर्षीय ब्रिटिश किशोरी स्कारलेट कीलिंग के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले के दो आरोपियों को बरी कर दिया है। दोनों आरोपी समुद्र तट स्थित पर्यटक अतिथि गृह के कर्मचारी हैं। यह घटना गोवा तट पर साल 2008 में हुई थी।
स्कारलेट की मां और वकील ने इस फैसले के लिए नाकारा जांच को जिम्मेदार ठहराया है। इनका कहना है कि जांच को ड्रग्स माफिया ने प्रभावित किया और आरोपियों के बरी होने की एक वजह मामले का बहुत लंबा खिंचना भी रहा।
गोवा की बाल न्यायालय की अध्यक्ष वंदना तेंदुलकर ने मामले की सुनवाई के बाद सैमसन डिसूजा और प्लेसिडो कार्वाल्हो को बरी कर दिया। मामले की सुनवाई आठ साल तक चली। कार्वाल्हो ने कहा कि वह खुश है और उसके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे थे।
स्कार्लेट की मां फियोना मेकेओन ने फैसले के बाद संवाददाताओं से कहा, “मैं स्तब्ध हूं।”
फियोना के वकील विक्रम वर्मा ने फैसले के बाद आईएएनएस से कहा कि न्याय व्यवस्था ने उन्हें निराश किया है।
उन्होंने कहा, “न्याय प्रणाली हरकत में आती है और जिन पर आरोप होता है, वे छूट जाते हैं। इसका मूल अर्थ यह है कि उसे (स्कारलेट को) किसी ने नहीं मारा, किसी ने उसे चोट नहीं पहुंचाई, किसी ने उसे कोकीन नहीं दी।”
उन्होंने कहा, “तो, मुद्दा यह है कि अगर किसी की हत्या होती है तो यह जांच एजेंसियों की जिम्मेदारी है कि वे पता लगाएं कि इसका जिम्मेदार कौन है और ऐसे लोगों के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश करें। इस मामले में यह व्यवस्था असफल हो गई।”
स्कारलेट का अर्धनग्न शव फरवरी 2008 में गोवा के अंजुना समुद्र तट पर मिला था। पुलिस ने शुरू में इसे आत्महत्या बताने की कोशिश की थी। लेकिन, दूसरे पोस्टमार्टम में उसके शरीर पर 52 घाव और शरीर में जबरन पहुंचाई गई नशीली दवाओं के सबूत मिले।
स्कारलेट की मां फियोना ने बेटी को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाई। उन्होंने राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री रवि नाईक और उनके बेटे रवि पर अपराध पर पर्दा डालने के प्रयास का आरोप लगाया था। बाद में मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा गया।
मामले में फैसले में इसलिए भी देरी हुई, क्योंकि इस दौरान गोवा की बाल अदालत के पांच न्यायाधीशों का तबादला हुआ।
फियोना ने कहा कि वह फैसले से स्तब्ध हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल सबूत बताते हैं कि उनकी बेटी को ड्रग्स दी गई, उससे दुष्कर्म किया गया और उसकी हत्या की गई। उन्होंने दोनों आरोपियों के बरी होने के लिए पुलिस और सीबीआई को जिम्मेदार बताया और कहा कि गोवा में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक सुरक्षित नहीं हैं।
कीलिंग की हत्या ने राज्य के समुद्र तट पर सुरक्षा के मुद्दे को चर्चा में ला दिया था। इन तटों पर करीब 40 लाख पर्यटक हर साल आते हैं।
आठ बच्चों की मां एवं ब्रिटेन के डेवोन की निवासी फियोना ने बेटी को इंसाफ नहीं मिलने के लिए मामले के गवाह माइकल मैनिअन के ब्रिटेन से गोवा आकर गवाही नहीं देने को भी जिम्मेदार बताया। माइकल इस मामले का मुख्य गवाह है।
फियोना ने कहा, “मैं माइकल को आंशिक रूप से जिम्मेदार मानती हूं। उसने स्कारलेट को दो बार धोखा दिया। पहली बार घटना वाले दिन, जब वह भाग खड़ा हुआ और फिर आज गवाही न देकर। वह एक नीच कायर है।”
उन्होंने उम्मीद जताई की सीबीआई फैसले के खिलाफ अपील करेगी।
सीबीआई के वकील एजाज खान ने कहा कि अपील का फैसला अदालती आदेश का अध्ययन करने के बाद किया जाएगा। आदेश की कॉपी सोमवार को मिल सकती है।
खान ने आईएएनएस से कहा, “हमने अभी अदालत का आदेश नहीं देखा है। हम सोमवार को आदेश की प्रति पाएंगे। इसके अध्ययन के बाद ही हम कुछ कह सकेंगे।”
गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने कहा, “निजी तौर पर मैं मामले के नतीजे को दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं।”