नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत में तेज खपत उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) का बाजार 2020 तक मौजूदा 49 अरब डॉलर से दोगुना होकर 104 अरब डॉलर हो सकता है।
एसोचैम-टेकसाइंस रिसर्च की रपट के अनुसार, स्थिर आर्थिक विकास, संगठित खुदरा बाजार की बढ़ती हिस्सेदारी, बढ़ती जागरूकता और अनुकूल जनसांख्यिकीय लाभांश इस उद्योग के विकास को गति देंगे।
रपट में कहा गया है कि यह सेक्टर 20.6 प्रतिशत जटिल वार्षिक वृद्धि दर के साथ विकास कर सकता है।
एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा, “अर्थव्यवस्था को एक बहुप्रतीक्षित उपभोग गति देने के लिए यह निश्चित रूप से एक अच्छी खबर है।”
‘इंडियन एफएमसीजी मार्केट 2020’ शीर्षक वाले इस अध्ययन में कहा गया है कि वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, खाद्य सुरक्षा विधेयक और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने जैसे कदमों का एफएमसीजी उद्योग पर एक सकारात्मक असर होगा।
वर्तमान में, एफएमसीजी भारतीय अर्थव्यवस्था का चौथा सबसे बड़ा सेक्टर है। इस सेक्टर से 30 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है, जो देश में कारखाना रोजगार का लगभग पांच प्रतिशत है।