इंफाल, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग पर अनिश्चितकालीन नाकेबंदी के कारण पूरे मणिपुर में पेट्रोल पंप बंद हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी बुधवार को दी।
असम और मणिपुर को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग की खराब हो रही स्थिति पर राज्य सरकार द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के विरोध में रोंगमेई नागा युवा मोर्चा के आह्वान पर मंगलवार आधी रात से नाकेबंदी शुरू हुई।
स्थानीय निवासी पी. नीलमणि ने कहा, “कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई। मुझे 120 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल खरीदना पड़ रहा है।”
एक अन्य स्थानीय निवासी रूपाश्री ने कहा, “पहले सरकार कहा करती थी कि राज्य में 21 दिनों के लिए तेल भंडार है। जामाखेरी करने पर पेट्रोल पंप के मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी जाती थी। इस बार सरकार चुप्पी साधे हुए है।”
इस बीच पेट्रोल की किल्लत होने से व्यापारी खूब मुनाफा कमा रहे हैं। बताया जाता है कि इंफाल और उसके आसपास बेचने के लिए अधिकांश व्यापारी पेट्रोल लाने के लिए म्यांमार सीमा से सटे मोरेह चले जाते हैं।
एक व्यापारी ओ. बीरामणि ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय द्वार के पार तीन श्रेणी के पेट्रोल मिलते हैं और ये भारतीय पेट्रोल से सस्ते हैं। हम मणिपुर में पेट्रोल लाकर बड़े पैमाने पर मुनाफा कमा सकते हैं।”
कई गैर सरकारी संस्थाएं नाकेबंदी का समर्थन कर रही हैं। इनका कहना है कि सरकार सीमा सड़क कार्य बल (बीआरटीएफ) के कामों पर ध्यान देने में विफल रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 37 (एन.एच 37) की खस्ताहाली के लिए कई कार्यकर्ताओं ने बीआरटीएफ को जिम्मेदार ठहराया है।
हालांकि, बीआरटीएफ के अधिकारियों ने प्रशासन को 15 दिसंबर के अंदर एन.एच. 37 को आराम से चलने लायक बनाने का अश्वासन दिया है।
अधिकारियों ने सामरिक राजमार्ग की खस्ताहाली के लिए सड़क निर्माण के लिए आवश्यक सामग्री की अनुपलब्धता और लुटेरों को जिम्मेदार ठहराया है।