भिवानी (हरियाणा), 3 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना लागू किए जाने की मांग को लेकर आत्महत्या करने वाले पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल का उनके पैतृक गांव बमला में सैकड़ों लोगों व नेताओं की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया गया। ग्रेवाल की आत्महत्या राजनीतिक अखाड़े में आरोप-प्रत्यारोप का केंद्र बनी रही।
केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख वी.के.सिंह ने पहले ग्रेवाल की दिमागी हालत पर सवाल उठाए और फिर कहा कि वह (ग्रेवाल) कांग्रेस के कार्यकर्ता थे।
ग्रेवाल के अंतिम संस्कार के मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे। राहुल ने ग्रेवाल की विधवा और अन्य परिजनों से मुलाकात भी की।
राजपूताना राइफल्स के पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल (70) हरियाणा में भिवानी के बमला गांव के निवासी थे। उन्होंने मंगलवार की रात दिल्ली के एक पार्क में वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना लागू किए जाने की मांग को लेकर कथित रूप से जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी।
आम आदमी पार्टी नेता केजरीवाल ने ग्रेवाल के परिवार के लिए एक करोड़ रुपये के मुआवजे की घोषणा की। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ग्रेवाल को ‘शहीद’ मानती है और दिल्ली सरकार की नीति शहीद के आश्रितों को इतनी धनराशि देने की है। इस पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
आम आदमी पार्टी नेता ने ग्रेवाल के अंतिम संस्कार के बाद उनके बेटे जसवंत की उपस्थिति में यह घोषणा की।
केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, “हम राम किशन (ग्रेवाल) के परिवार को एक करोड़ रुपया दे रहे हैं। उन्हें हम एक शहीद मानते हैं।”
केजरीवाल ने कहा, “पूरा देश ‘वन रैंक वन पेंशन’ को लागू करने के लिए लड़ता रहेगा और हम इसे लागू करने के लिए सरकार पर जोर डालेंगे।”
जसवंत ने फिर कहा कि पुलिस ने उन्हें तथा परिजनों को मारापीटा और पुलिस थाने ले जाने से पहले उनके साथ गालीगलौच भी की। उन्होंने कहा, “पुलिस ने हमारी बात नहीं सुनी। उन्होंने हमारे साथ हाथापाई और गालीगलौच की।”
जसवंत ने कहा कि सरकार को बिना कोई भी देरी किए ‘वन रैंक वन पेंशन’ को लागू करना चाहिए ताकि जिस स्थिति से हम गुजरे हैं, उस स्थिति से कोई और न गुजरे।
ग्रेवाल की मौत पर राजनीति करने के बारे में केजरीवाल ने कहा, “हां, हम राजनीति कर रहे हैं। हम सैनिकों के अधिकारों को बचाने के लिए राजनीति कर रहे हैं और केंद्र सरकार उन्हें धोखा देने के लिए राजनीति कर रही है।”
बुधवार को दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल, राहुल गांधी व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को हिरासत में लिया था। इन्हें देर रात छोड़ा गया था। इन पर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। यह सभी नेता ग्रेवाल के परिजनों से मिलने अस्पताल गए थे।
हिरासत में लिए जाने को केजरीवाल ने प्रधानमंत्री कार्यालय के इशारे पर हुई कार्रवाई बताया। केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि आप और कांग्रेस के नेताओं को बुधवार को हिरासत में लिए जाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय जिम्मेदार है।
केजरीवाल, सिसोदिया और राहुल गांधी को हिरासत में रखने के लिए भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह द्वारा दिल्ली पुलिस की आलोचना के बाद आप नेता ने पुलिस को क्लीन चिट दे दी।
केजरीवाल ने ट्वीट किया है, “महोदय, यह न तो दिल्ली पुलिस का और न ही गृह मंत्रालय का काम है बल्कि बुधवार को तो प्रधानमंत्री कार्यालय हालात की निगरानी कर रहा था। उन्होंने इसे बुरी तरीके से संभाला।”
गुरुवार को ग्रेवाल के घर पर बड़ी संख्या में नेताओं के पहुंचने से अफरातफरी की स्थिति रही। ग्रेवाल के परिवार से मिलने के लिए तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ’ ब्रायन भी बामला पहुंचे।
नेताओं की मौजूदगी में ग्रेवाल के बेटे कुलवंत ने कहा कि पिता की मौत पर राजनीति बंद होनी चाहिए। उन्होंने अपने पिता को शहीद का दर्जा देने की मांग की और उनकी मौत के मामले की जांच कराने को कहा।
राजनीतिक गहमागहमी के बीच दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को कहा कि ग्रेवाल की खुदकुशी के मामले की तहकीकात शुरू कर दी गई है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए गुरुवार को जांच अपराध शाखा को सौंप दी गई। दिल्ली पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा के आदेश पर अपराध शाखा को जांच सौंपी गई है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध शाखा) रविंद्र यादव ने कहा, “हमने केस अपने हाथ में ले लिया है। जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।”
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ग्रेवाल के परिवार के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। सरकार ने परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा भी किया है।
खट्टर ने ग्रेवाल को शहीद मानने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि खुदकुशी करने वालों को शहीद नहीं कहा जा सकता। खट्टर ने कहा, “उन्होंने निजी कारणों से खुदकुशी की है।”
विदेश राज्य मंत्री एवं पूर्व सेना प्रमुख वी.के.सिंह ने कहा कि ग्रेवाल कांग्रेस कार्यकर्ता थे और उनकी खुदकुशी का संबंध ओआरओपी से नहीं है।
उन्होंने कहा, “ग्रेवाल कांग्रेस के टिकट पर सरपंच बने थे। उनके मुद्दे बैंक के साथ थे, ओआरओपी के साथ नहीं।”
लेकिन, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने माना कि पूर्व सैनिकों की पेंशन की अदायगी से संबंधित कुछ मुद्दे अभी सुलझे नहीं हैं और कुल 20 लाख पूर्व सैनिकों में से एक लाख को अगले दो महीनों में भुगतान कर दिया जाएगा।