भोपाल, 1 जुलाई (आईएएनएस)। कांग्रेस की कमान राहुल गांधी के हाथ में आने के बाद पार्टी की कार्यशैली में बदलाव नजर आने लगा है, जमीनी और मेहनती कार्यकर्ताओं को महत्व मिलने लगा है। मध्य प्रदेश भी ऐसा ही कुछ नजर आने लगा है, चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने समिति का समन्वयक एक जमीनी कार्यकर्ता को बनाया है।
भोपाल, 1 जुलाई (आईएएनएस)। कांग्रेस की कमान राहुल गांधी के हाथ में आने के बाद पार्टी की कार्यशैली में बदलाव नजर आने लगा है, जमीनी और मेहनती कार्यकर्ताओं को महत्व मिलने लगा है। मध्य प्रदेश भी ऐसा ही कुछ नजर आने लगा है, चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने समिति का समन्वयक एक जमीनी कार्यकर्ता को बनाया है।
आमतौर पर माना जाता है कि कांग्रेस में राजनीति वही व्यक्ति कर सकता है, जिसका कोई गॉडफादर हो, पद और टिकट उसी व्यक्ति को मिलता है तो खानदानी या राजनेता का करीबी हो, मगर बीते दिनों हुए कुछ फैसले इससे इतर रहे हैं। युवक कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव यादव को बनाया गया, केशव लंबे समय तक जमीनी स्तर पर काम करता रहा, फिर उसे मध्य प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था और अब सिंधिया ने प्रचार अभियान समिति का समन्वयक मनीष राजपूत को बनाया है।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख मानक अग्रवाल ने आईएएनएस से चर्चा के दौरान इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि सिंधिया ने प्रचार समिति का समन्वयक राजपूत को बनाया है, शनिवार को हुई समिति की बैठक में राजपूत का सदस्यों से परिचय भी कराया।
प्रचार अभियान समिति के सदस्य और विधायक रामनिवास रावत ने आईएएनएस से कहा कि समिति की बैठक में निर्णय हुआ है कि प्रचार के लिए निचले स्तर पर समितियां बनाई जाएंगी।
राजपूत की पहचान राज्य आदिवासी इलाकों में एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर है, वे लगभग 25 साल से अधिक समय से इस खेत्र में काम कर रहे हैं, वे एकता परिषद् के राजनीतिक समन्वयक के तौर पर भी काम कर चुके हैं। वे पी.वी. राजगोपाल के करीबियों में गिने जाते हैं।
राजपूत अरसे से सिंधिया के संसदीय क्षेत्र गुना और विधानसभा चुनावों में जमीनी काम करते रहे हैं। हाल ही में कोलारस और मुंगावली के विधानसभा उपचुनाव के दौरान उन्होंने सहरिया आदिवासियों के बीच शराब बंदी अभियान चलाया था, जिसमे 100 से अधिक गांव में लोगों ने शराब छोड़ने के साथ पैसा बांटने वाले को वोट न देने का संकल्प लिया था।
कांग्रेस राज्य के आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर उन लोगों पर दाव लगाने की तैयार कर रही है, जिनकी जमीन पर पकड़ है और जिनका कोई गॉड फॉदर नहीं है। इसके साथ ही समाज के विभिन्न वर्गो से जुड़े लोगों केा भी पार्टी से जोड़ने की रणनीति बन रही है, इतना ही नहीं पार्टी जमीनी स्तर पर उन कार्यकर्ताओं की तलाश में लगी है, जो अरसे से उपेक्षित हैं।