मुरादाबाद में आयोजित हृदय रोग जागरूकता कैम्प में डॉ. भुयान ने कहा कि दुनियाभर में सबसे ज्यादा मृत्यु हार्टअटैक या हार्टफेल होने की वजह से होती हैं। विश्व में लगभग 1.70 लाख लोगों की मृत्यु दिल की बीमारी से होती है। इसी तरह से भारत में 3 मिलियन लोगों की मृत्यु सीवीडी कार्डिओ वैस्कुलर डिसीसेस से होती हैं, जिसमे हार्टअटैक और हार्टस्ट्रोक भी शामिल होते हैं।
उन्होंने कहा कि कि अमूमन व्यस्त जीवनशैली के कारण युवा शारीरिक गतिविधियों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते, जिसके चलते कार्डियोवैस्कुलर डिजीज, टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे जैसे रोगों का खतरा दुगना हो जाता है और यह उच्च रक्त चाप लिपिड लेवल्स में असंतुलन और घबराहट जैसे जोखिमों को भी बढ़ा देता है, जो सीधे दिल की बीमारी से जुड़े हुए होते हैं।
इस दौरान हृदय रोग से पीड़ित कई लोग यहां मौजूद रहे, जिन्होंने खुद के जीवन शैली में परामर्श लेकर परिवर्तन किया और नए जीवन की शुरुआत की है।