लखनऊ-उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि आगामी तीन वर्षो में पुलिस बल की कमी दूर करने के लिए लगभग एक लाख 20 हजार सिपाहियों की भर्ती की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उत्तर प्रदेश पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए गम्भीरता से काम कर रही है, क्यांेकि सरकार यह अच्छी तरह से समझती है कि आधुनिक संसाधनों से लैस पुलिस ही प्रदेश की कानून व्यवस्था बेहतर रख सकती है।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को पुलिस विभाग के 100 नवनिर्मित भवनों के उद्घाटन अवसर पर कहा कि प्रत्येक वर्ष सराहनीय कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों को कमेन्डेशन डिस्क प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों को ड्यूटी के लिए प्राय: अन्य जनपदों में जाना पड़ता है। इसलिए प्रत्येक जिला मुख्यालय पर कर्मचारी हॉस्टल बनवाए जाएंगे। इसके तहत बड़े जिलों में 50 कमरे के, मध्यम जिलों में 25 तथा छोटे जिलों में 10 कमरे के हॉस्टल बनाए जाएंगे।
उन्होंने जनपद लखनऊ में पुलिस कर्मियों की आवासीय व्यवस्था के लिए वृन्दावन कालोनी के पास 25 एकड़ भूमि नियमानुसार आवंटित कराए जाने, पुलिस के अधिकारियों, कर्मचारियों की चुनौतियों एवं जिम्मेदारियों को देखते हुए उनके आहार भत्ते में बढ़ोत्तरी करने, प्रत्येक जनपदों में इंस्पेक्टर एवं सबइंस्पेक्टर को यात्रा के दौरान रूकने के लिए उपलब्ध राजकीय भवन के जीर्णोद्धार के लिए जरूरत के मुताबिक 5 से 10 लाख रुपये की धनराशि देने तथा शासकीय कर्तव्य पालन के दौरान कई आरोपों का सामना कर रहे पुलिस कर्मियों को विधिक सहायता उपलब्ध कराने, वर्ष 2009 से 2013 तक जिन पुलिस कर्मियों की सेवा 16 वर्ष पूरी हुई लेकिन उन्हें द्वितीय एसीपी का लाभ नहीं मिल पाया है उन्हें भी 16 वर्ष की संतोषजनक सेवा पूरी होने पर द्वितीय एसीपी का लाभ देने की घोषणा की।
उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस के ‘आधुनिकीकरण की ओर बढ़ते कदम’ विषयक पुस्तिका का विमोचन भी किया।