आंदोलनकारियों ने रैली निकालकर रायपुर सीएचएमओ का पुतल दहन किया और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
मीडिया प्रभारी स्वास्थ्य संयोजक हरीश कुमार ने बताया कि साल 2015 में भी उन्होंने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की थी, लेकिन उनकी मांगों को न मानते हुए सीएचएमओ ने उनकी हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया था।
छत्तीसगढ़ में एक तरफ जहां लोग डेंगू की दहशत में हैं, तो वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं। ऐसे में मरीजों की जान को खतरा और ज्यादा बढ़ गया है।
स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में टीकाकरण से लेकर संस्थागत प्रसव का काम पूरी तरह से ठप हो गया है। प्रदेशभर के करीब 10 हजार से ज्यादा कर्मचारी पिछले 24 दिनों से आंदोलन पर हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को राजधानी रायपुर में रैली के माध्यम से आंदोलनरत स्वास्थ्य कर्मचारियों ने पुतला दहन कर जमकर विरोध प्रदर्शन किया।