नई दिल्ली, 13 सितम्बर (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कश्मीरी कारोबारी जहूर अहमद शाह वटाली को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में जमानत दे दी।
अदालत ने जहूर को बिना अनुमति देश नहीं छोड़ने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने वटाली को दो लाख रुपये के निजी मुचलके और दो-दो लाख की प्रतिभूतियों पर जमानत दे दी।
वटाली ने निचली अदालत के जमानत याचिका खारिज करने के आठ जून के आदेश को चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आठ जून के आदेश को रद्द कर दिया।
अदालत ने कहा कि जहूर गवाहों को प्रभावित नहीं करेगा, डराएगा नहीं और न ही साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करेगा। उसे अपना पासपोर्ट जमा कराना होगा।
अदालत ने जहूर को यह भी निर्देश दिया कि वह जांच अधिकारी के समक्ष जरूरत पड़ने पर हाजिर होगा। वह अपना टेलिफोन नंबर और वर्तमान पता या इनमें किसी परिवर्तन की भी जानकारी एजेंसी और अदालत को उपलब्ध कराएगा।
जहूर को 17 अगस्त 2017 को गिरफ्तार किया गया था और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कश्मीर में कथित टेरर फंडिंग के मामले में जहूर व पाकिस्तानी आतंकवादियों हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, सात कश्मीरी अलगाववादी नेताओं और अन्य के खिलाफ 18 जनवरी को आरोपपत्र दायर किया था।
इन सभी पर सईद और सलाहुद्दीन के साथ मिलकर देश के खिलाफ युद्ध का षडयंत्र रचने के लिए आतंकवाद रोधी कानूनों के तहत आरोपत्र दायर किया गया था।
इन अलगाववादियों में आफताब हिलाली शाह उर्फ शाहिद उल-इस्लाम, अयाज अकबर खांडे, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह, राजा मेहराजुद्दीन कलवल और बशीर अहमद भट्ट उर्फ पीर सैफुल्लाह शामिल हैं। इन्हें 24 जुलाई 2017 को गिरफ्तार किया गया था।