नई दिल्ली, 14 सितम्बर (आईएएनएस)। खाद्य पदार्थो की कीमतों में नरमी और प्राथमिक वस्तुओं की लागत में गिरावट से थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित देश की सालाना मुद्रास्फीति दर अगस्त में घटकर 4.53 फीसदी रही, जो कि जुलाई में 5.09 फीसदी थी।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, हालांकि साल-दर-साल आधार पर डब्ल्यूपीआई दर अभी भी तेज ही है, जो कि एक साल पहले के अगस्त में 3.24 फीसदी थी।
मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है, “चालू वित्त वर्ष में बिल्डअप मुद्रास्फीति दर अबतक 3.18 फीसदी रही है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 1.41 फीसदी थी।”
क्रमिक आधार पर, प्राथमिक वस्तुओं की दर, जिसका डब्ल्यूपीआई में कुल भार 22.62 फीसदी है, अगस्त में गिरकर 0.15 फीसदी रही, जो कि जुलाई में 1.73 फीसदी थी।
इसी प्रकार खाद्य पदार्थो की कीमतें कम हुई हैं। इसका डब्ल्यूपीआई में भार 15.26 फीसदी है। यह अगस्त में गिरावट के साथ 4.04 फीसदी रही, जबकि जुलाई में यह 2.16 फीसदी थी।
दिलचस्प बात यह है कि ईंधन और बिजली श्रेणी, जिसका डब्ल्यूपीआई में भार 13.15 फीसदी है, की वृद्धि दर में गिरावट रही और यह अगस्त में 17.73 फीसदी रही, जबकि जुलाई में यह 18.10 फीसदी थी।
हालांकि विनिर्मित वस्तुओं की मुद्रास्फीति में तेजी दर्ज की गई है, जो अगस्त में 4.43 फीसदी रही, जबकि जुलाई में यह 4.26 फीसदी थी।
आईसीआरए की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, “अगस्त में डब्ल्यूपीआई में आई गिरावट अनुमानों के मुताबिक ही है, जिसमें मुख्य रूप से खाद्य पदार्थो की कीमतों में अपस्फिति का योगदान है। इसमें मुख्य से सब्जियां और फलों की कीमतों के साथ प्राथमिक गैर-खाद्य सामनों, धातुओं और ईधन की कीमतों में नरमी का योगदान रहा।”
इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र कुमार पंत ने कहा, “कच्चे पेट्रोलियम, ईधन और बिजली के मुल्य में उच्च मुद्रास्फीति के बावजूद, मजबूत बेस इफेक्ट और खाद्य पदाथों की कीमतों में जारी अपस्फीति का नतीजा है कि डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति में क्रमिक गिरावट दर्ज की गई है।”